Fruits orchards in July | जुलाई के महीने में किसान भाई अपने फल बागों में करे ये काम
किसान भाइयों को पूरे साल अपने खेतों में कुछ न कुछ कार्य करने होते है. जिससे उनकी उपज अच्छी हो सके. इसकी प्रकार फल बाग़ की खेती में पूरे वर्ष कुछ न कुछ कार्य चलते है. जिससे फल अच्छा, स्वस्थ और बढ़िया क्वालिटी का हो सके. जिससे किसान भाई उसकी अच्छी उपज प्राप्त कर सके. तो इसी कड़ी में आइये जानते है जुलाई महीने किसान भाई अपने फल बागों में कौन-कौन से कार्य कर सकते है जिससे उन्हें अच्छी उपज प्राप्त हो –
आम के बाग़ में
जो भी किसान भाई नया बाग़ लगाने चाहते है तो पिछले महीने जून में खोदे गए गड्ढों में पौधे रोपाई का कार्य कर सकते है. पौधे लगाने का कार्य बदली वाले दिन या सांयकाल के समय करना चाहिए. पौधा लगाने के बाद मिट्टी को भलीभांति दबा देना चाहिए और हलकी सिंचाई करनी चाहिए. बाग़ में 2 से 3 किस्में एक साथ लगानी चाहिए. माध्यम समय में पकने वाली किस्मों के फलों को तोड़कर बाजार भेज देना चाहिए. बाग़ में जल निकास का प्रबंध करके बाग़ को स्वच्छ रखना चाहिए. नए पौधे तैयार करने के लिए भेंट कलम या वीनियर कलम चढ़ानी चाहिए.
केला की खेती में
केला की खेती में अवांछित पुत्तियों को निकाल देना चाहिए. पेड़ों पर मिट्टी चढ़ाकर जल निकास का प्रबंध करना चाहिए. फल आने वाले पौधों में सहारा देने के लिए थूनियाँ लगानी चाहिए. नए बाग़ लगाने के लिए अच्छी एवं स्वस्थ पुत्तियाँ, जो तलवार के आकार की हो, उत्तम किस्मों से लेकर लगाना चाहिए.
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नींबू वर्गीय फल बागों में
इसके नए बाग़ लगाने के लिए रोपाई का कार्य करना चाहिए. पौधशाला की क्यारियों को साफ़ रखना चाहिए. बाग़ से जल निकास का उचित प्रबंध करना चाहिए. केंकर रोग की रोकथाम के लिए ब्लाइटॉक्स-50 का छिडकाव करना चाहिए.
अंगूर के बागों में
मध्यम समय में पकने वाली किस्मों के फल तोड़कर बाजार भेजना चाहिए. बाग़ में पानी के निकास का प्रबंध करना चाहिए. फल सडन रोग की रोकथाम के ब्लाटॉक्स-50 का छिडकाव करना चाहिए.
अमरूद के बागों में
बरसाती फसल के फलों को तोड़कर बाजार भेजना चाहिए. तना छेदक कीट तथा फल सडन रोग की रोकथाम करे. पिछले माह तैयार किये गये गड्ढों में स्वस्थ तथा अच्छी किस्मों के पौधे लगाने चाहिए. फलदार बाग़ में नाइट्रोजन उर्वरको का प्रयोग करना चाहिए.
पपीता के बागों में
इस महीने मैदानी भागों में पपीता लगाने का कार्य शुरू कर देना चाहिए. बाग़ को स्वच्छ रखकर जल निकास का प्रबंध करना चाहिए. यदि किसी कारणवश बीज नही बोया गया हो, तो ऊँची क्यारियाँ बनाकर बीज की बुवाई करनी चाहिए. तना सडन रोग की रोकथाम के लिए ब्लाटॉक्स-50 का घोल थालों में डालना चाहिए. पत्तियां मुड़ने वाले रोग से प्रभावित पौधों को निकाल देना चाहिए. बाग़ में नर पौधों की 10 प्रतिशत संख्या छोड़कर शेष को निकाल देना चाहिए.
बेर के बागों में
बेर के बाग़ में यदि पिछले माह नाइट्रोजन वाले उर्वरको का प्रयोग न कर पाय हों तो उनका प्रयोग इस महीने में करना चाहिए. पानी के निकास का उचित प्रबंध करना चाहिए. नए बाग़ लगाने के लिए रोपाई का कार्य करना चाहिए. पौधशाला में बीजू पौधे तैयार करने के लिए बीजों की बुवाई करनी चाहिए. पौधशाला में पौधा खोदते समय पौधों की जड़ों को क्षति नही पहुंचनी चाहिए. चूर्णिल असिता के लिए कैराथेन का छिडकाव करना चाहिए.
लीची के बागों में
लीची के बागों में थालों को स्वच्छ रखकर जल निकास का प्रबंध करना चाहिए. नए बाग़ लगाने के लिए रोपाई का कार्य करना चाहिए. नए पौधे तैयार करने के लिए गूटी बांधने का कार्य शुरू कर देना चाहिए.
लोकाट के बागों में
लोकात के बागों में पेडी की कटाई-छंटाई का कार्य समाप्त करना चाहिए. बाग़ में जल निकास के लिए नालियां बना लेनी चाहिए. कटाई-छंटाई के बाद ब्लाटॉक्स-50 का छिडकाव करके कटे भागों में बोर्डों लेप लगा देना चाहिए. नए बाग़ लगाने के लिए 2 से 3 किस्मों के पौधे एक साथ लगाने चाहिए.
आंवला के बागों में
बाग़ को स्वच्छ रखकर जल निकास का प्रबंध करना चाहिए. पौधों की रोपाई का कार्य शुरू कर देना चाहिए.
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कटहल के बागों में
कटहल के बागों से फलों को तोड़कर बाजार भेजना चाहिए तथा जल निकास का प्रबंध करना चाहिए. बाग़ लगाने के लिए पौधों की रोपाई का कार्य शुरूकर देना चाहिए.
सेब व नाशपाती के बागों में
पिछले महीने पानी के निकास की नालियां न बन पाई हो तो शीघ्र ही बना लेना चाहिए. पेड़ों को साफ रखकर खरपतवार मुक्त रखना चाहिए. भूमि कटाव को रोकने के लिए बाग़ में भूमि संरक्षी फसलों की बुवाई कर देनी चाहिए. अगेती किस्मों के फलों को तोड़कर बाजार भेजना चाहिए. कज्जली धब्बा (सूटीब्लाच) रोग की रोकथाम के लिए ब्लाटॉक्स-50 का छिडकाव करना चाहिए. नए पौधे तैयार करने के लिए भेंट कलम चढ़ानी चाहिए.