Fish farming subsidy in india : खेत में मछली पालन पर किसानों को 70 प्रतिशत का अनुदान, कैसे करे आवेदन

0
Fish farming subsidy in india
मछली पालन पर किसानों को 70 प्रतिशत का अनुदान

Fish farming subsidy in india| मछली पालन पर किसानों को 70 प्रतिशत का अनुदान

Fish farming subsidy in india : देश के किसान अपनी ये को बढ़ा सके इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। जिससे किसानों का काफी फायदा भी हो रहा है। इन योजनाओं मे किसानों के लिए मछली पालन (Fisheries), मधुमक्खी पालन (Bee keeping) आदि चलाई जा रही है। जिनको समय-समय पर सरकार द्वारा प्रोत्साहित भी किया जा रहा है।

इसी कड़ी मे सरकार द्वारा  मछली पालन (Fisheries) के लिए किसानों को 70 प्रतिशत तक के अनुदान का भी प्रविधान किया गया है। इस अनुदान योजना के तहत तालाब निर्माण, बोरिंग पंप सेट की स्थापना सहित शेड निर्माण के लिए किसानों को आर्थिक सहायता दी जाती है। किसान इस मछली पालन अनुदान योजना का लाभ उठाकर मात्र 30 प्रतिशत लागत पर मछली पालन करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं।

इसके अलावा इस योजना के लिए किसानों को मछली पालन के लिए बैंक से आसान लोन भी उपलब्ध कराया जाता है। जिससे मछली पालन का व्यवसाय करने में उन्हे कोई आर्थिक परेशानी न आने पाए। इसलिए जो भी किसान भाई खेती के साथ-साथ मछली पालन करना चाहते है। उन्हे मछली पालन अनुदान योजना (Fish farming subsidy in india) के अंतर्गत 30 अगस्त 2023 तक आवेदन करना होगा।

इस तरह किसानों को मिलेगा मछली पालन से लाभ

किसान कई प्रकार के छोटे व्यवसाय करते है। जिनसे उन्हे अच्छी आय भी प्राप्त होती है। लेकिन व्यवसाय करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए। कि व्यवसाय को छोटे स्तर से ही करनी चाहिए। इसलिए गाँव के किसान भी छोटे से तालाब से मछली पालन (Fisheries) की शुरुआत कर सकते है। इसके लिए किसान भाई अपने खेत मे छोटा तालाब बनवाकर मछली पालन व्यवसाय की शुरुवात कर सकते है।

खेत मे एक छोटा तालाब बनवाने मे किसान भाइयों का लगभग 50,000 रुपये तक का खर्च हो जाता है। लेकिन अब सरकार द्वारा मछली पालन को बढ़ाव देने के लिए अनुदान (subsidy) का भी प्रविधान है। जिससे किसानों को तालाब निर्माण का खर्च काफी कम हो जाएगा।

यह भी पढे : Ambulance facility for treatment of animals : बीमार पशुओं के लिए एक काल पर आएगी एम्बुलेंस, किसान भाई जाने क्या पूरी जानकारी

खेत मे तालाब निर्माण से किसानों को दोहरा लाभ होगा। एक तो मछली पालन से अच्छी ये को कमा पायेगें। दूसरी ओर उन्हे अपनी दूसरी फसलों के लिए सिंचाई का पानी आसानी से तालाब मे मिल जाएगा।

यदि भी यदि इस मछली पल के व्यवसाय एक लाख रुपये की लागत लगाते है। तो उन्हे इससे से लगभग 4 से 5 लाख की कमाई हो जाती है। इसके अलावा मछली पालन यह व्यवसाय (fishing business) खेती के साथ आसानी से किया भी जा सकता है। और लागत भी कम आती है।

भारतीय बाजरों मे पूरे वर्ष मछली की मांग बनी रहती है। इसलिए किसानों को मछली की अच्छी कीमत भी मिल जाती है। ऐसे मे किसानों को अच्छा लाभ भी प्राप्त होता है। इस तरह किसान भी मछली पालन कर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते है।

मछली पालन पर किसानों को कितना मिलेगा अनुदान (Fish farming subsidy in india) 

बिहार की राज्य सरकार द्वारा मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना (Pond Fisheries Special Assistance Scheme) चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी किसान भी के खेत मे तालाब निर्माण, बोरिंग पंप सेट की स्थापना, शेड निर्माण आदि मछली पालन के लिए आवश्यक अवयवों पर अनुदान (subsidy) दिया जा रहा है।

वही मत्स्य पालन विभाग की ओर से इस योजना के लिए तालाब निर्माण एवं अन्य अवयवों की स्थापना लागत 10.10 लाख रुपए निर्धारित की गई है। जिस पर सरकार द्वारा 70 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रह रहा है। इस तरह किसान को 10 मे से लगभग 7 लाख रुपये का अनुदान सरकार की ओर से मिल जाएगा। और शेष 30 प्रतिशत यानि लगभग 3 लाख रुपये किसान को अपनी जेब से खर्च करने पड़ेगें। वह भी अगर किसान चाहे तो उसे बैंक से लोन के रूप मे मिल जायेगें।

योजना के लाभ के लिए लाभार्थी किसान की पात्रता एवं शर्ते 

तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को कुछ आवशयक नियम एवं शर्ते बिहार राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गई है। तो आइए जाने क्या है योजना के लिए पात्रता और शर्तें –

  • यह योजना बिहार राज्य के सभी जिलों के लिए लागू की गई है। इस योजना में अभी केवल बिहार के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अति पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं।
  • योजना के तहत एक व्यक्ति अथवा परिवार को योजना के तहत अधिकतम एक एकड़ तथा न्यूनतम 0.4 एकड़ जलक्षेत्र यानी 0.5 एकड़ रकबा के तालाब निर्माण पर पैकेज इकाई का लाभ दिया जाएगा।
  • लाभार्थी का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी द्वारा किया जाएगा। इस योजना का लाभ उन्हीं अनुसूचित जाति या जनजाति के किसानों को दिया जाएगा जो राज्य योजना के तहत स्वीकृत अथवा कार्यान्वित पठारी क्षेत्र तालाब निर्माण आधारित योजना का लाभ प्राप्त नहीं कर रहे हैं।
  • तालाब निर्माण के लिए आवेदक के पास स्वयं की निजी भूमि या लीज पर ली गई भूमि होना आवश्यक है।
  • तालाब के निजी स्वामित्व के लिए भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा अघतन मालगुजारी रसीद, लीज की भूमि में लीज का निबंधित एकरारनामा अथवा नॉन-जुडिशियल स्टॉप (1,000 रुपए) पर एकरारनामा जो न्यूनतम 9 साल का हो, आवेदन के साथ संलग्न करना जरूरी होगा।
  • नॉन-जुडिशियल स्टांप पर एकरारनामा के मामले में भू-स्वामी अथवा स्वामियों से भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र अथवा रसीद आवेदन के साथ संलग्न करना आवश्यक है।

योजना के लिए आवश्यक कागजात 

तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना के अंतर्गत आवेदन करते वक्त किसानों को कुछ कागजात की जरूरत पड़ेगी, वह कागजात (Document) इस प्रकार से हैं-

  • लाभार्थी किसान का आधार कार्ड
  • उसका निवास प्रमाण पत्र
  • जमीन के जरूरी कागजात
  • किसान की दो पासपोर्ट साइज फोटो
  • मछली पालन के लिए लिया गया प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र
  • आवश्यकनुसार शपथ-पत्र

यह भी पढे : Top five early pea varieties in india : देश के किसान इन पाँच मटर की अगेती किस्मों से बनेगें मालामाल, आइए जाने पूरी जानकारी

किसान द्वारा जमीन या तालाब पट्‌टे पर लिया है, ये कागजात होंगे जरूरी  

  • शपथ पत्र व इकरारनामा
  • तालाब की जमाबंदी की नकल और एक सिजरा
  • पट्‌टा धनराशी की रसीद (फार्म 4 पर)
  • इकरारनामा मछली पालक और ग्राम पंचायत के बीच में।
  • नकल प्रस्ताव ग्राम पंचायत तालाब पट्‌टे पर देने के बारे में।

कैसे करे योजना के अनुदान के लिए अनलाइन आवेदन 

जो किसान तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना के तहत मछली पालन पर सब्सिडी  (subsidy) के लिए आवेदन करना चाहते हैं वे 30 अगस्त 2023 तक ऑनलाइन आवेदन मत्स्य निदेशालय, बिहार की वेबसाइट https://fisheries.bihar.gov.in/Default.aspx पर कर सकते हैं। वहीं इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान इसके टोल फ्री नंबर 1800-245-6185 पर संपर्क कर सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here