गन्ने की फसल के साथ लगाएं ये 5 फसलें, कम वक्त में तैयार होकर देती है ज्यादा मुनाफा

0
sugarcane co crop
गन्ने के साथ लगाए ये 5 फसलें होगा ज्यादा मुनाफा 

गन्ने के साथ लगाए ये 5 फसलें होगा ज्यादा मुनाफा

देश में गन्ने की खेत बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है. अगर विश्व की बात की जाय तो भारत गन्ना उत्पादन में पहले नम्बर पर है. लेकिन कुछ राज्यों लगातार इसकी खेती होने के कारण इसके उत्पादन में गिरावट आई है. जिससे किसानों के आमदमी में भी कमी आई है. इस लिए इससे निबटने के लिए कृषि विशेषज्ञों द्वारा गन्ने की फसल के साथ कुछ ऐसी फसलों को किसान भाइयों को बोने की सलाह दी है. जोकि कम समय में तैयार होकर अधिक मुनाफा दे जाय और किसान की आमदनी में बढ़ोत्तरी हो सके.

आपको जानकारी दे दे कि पिछले कुछ सालों से किसान भाइयों को सहफसली तकनीकी अपनाने की सलाह दी जा रही है. सहफसली तकनीकी से किसान भाई मुख्य फसल के साथ खेतों में 4 से 5 अन्य ऐसी फसलों को लगा सकते है, जो कम समय में तैयार होकर ज्यादा मुनाफा दे दे. इस तरह से किसान भाई अपनी मुख्य की लागत निकल आती है और साथ में उन्हें अतरिक्त लाभ भी मिल पायेगा.

यह भी पढ़े : मछली पालन पालन के लिए 60 फीसदी तक का अनुदान, किसान भाई यहाँ करे आवेदन

किसान भाई खेतों गन्ने के साथ के इन फसलों की बुवाई 

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक किसान भाई गन्ने की फसल के साथ-साथ लहसुन, अदरक, अलसी और मेंथा की फसलों के अलावा सब्जियों को भी लगा सकते है. अगर गन्ने की फसल की बात की जाय तो उसे तैयार होने में 13 से 14 महीने लगते है. वही गन्ने के साथ बोई जाने ये फसले तैयार होने में 60 से 90 दिन में लगाकर काटी की जा सकती है और इन फसलों से अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते है.

यह भी पढ़े : Pm Kisan Yojna Update : अपात्र किसानों को लौटाने होगें पीएम किसान योजना का पैसा, नही लौताने पर होगी कारवाई, लिस्ट में ऐसे चेक करे अपना नाम

किसानों को होगा दूना मुनाफा 

किसान भाई गन्ने के साथ सहफसली अपना कर प्रति इकाई क्षेत्रफल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर आमदनी को बढ़ा सकते है. किसान भाई गन्ने में प्रारम्भिक अवस्था में लगने वाली लागत को मुख्य फसल के तैयार होने से पहले ही सहायक फसल से निकल सकते है. इस सहफसली फसल प्रणाली में गाने की फसल के साथ दलहनी फसलों को उगाकर मृदा स्वास्थ्य को बनाये रख सकते है. मिट्टी की नमी, पोषक तत्व, प्रकाश एवं खाली स्थान का समुचित उपयोहुपयोग कर सकते है. इसके अलावा श्रम, पूँजी, पानी, उर्वरक इत्यादि को बचाकर लागत को कम कर सकते है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here