Contents
- 1 मधुमक्खी पालन लोन योजना (Beekeeping Loan Scheme)
- 1.1 क्या है मधुमक्खी पालन लोन योजना
- 1.2 कितनी लागत आती है मधुमक्खी पालन में
- 1.3 मधुमक्खी पालन योजना के लिए किसान की पात्रता
- 1.4 योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- 1.5 मधुमक्खी पालन लोन योजना के लिए कैसे करें आवेदन
- 1.6 दो तरीके से शुरू कर सकते हैं मधुमक्खी पालन
- 1.7 इन विभागों द्वारा दिया जाएगा किसानों को प्रशिक्षण
मधुमक्खी पालन लोन योजना (Beekeeping Loan Scheme)
देश के किसानों की आय को दो गुना करने एवं बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसीलिए सरकार द्वारा समय-समय पर विभिन्न योजनाओं को लागू करती रही है. जिससे किसानों एवं बेरोजगारों को प्रोत्साहन मिल सके. इसी कड़ी में सरकार द्वारा मधुमक्खी पालन के लिए नई योजना लागू की गई है. जिससे किसान भाई एवं बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए वैज्ञानिक पद्धति मधुमक्खी पालन करने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन किया जा रहा है.
सरकार द्वारा किसान भाई खेती के अलावा अतिरिक्त लाभ कमा सके है इसके लिए नई योजना मधुमक्खी पालन लोन योजना की शुरुआत की गई है. इससे मधुमक्खी पालन को भी बढ़ावा मिलेगा. इसीलिए सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 500 करोड़ रुपए देने का प्रावधान भी किया गया है. इस योजना का लाभ किसानों को सही ढंग से मिल सके. इसके लिए सरकार द्वारा कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग द्वारा समय-समय पर किसानों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा मधुमक्खी पालन पर सरकार किसानों को अनुदान भी उपलब्ध करवाएगी.
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क्या है मधुमक्खी पालन लोन योजना
केंद्र सरकार द्वारा किसानों एवं बेरोजगारों को मधुमक्खी पालन के लिए मधुमक्खी पालन लोन योजना की शुरुआत की गई है. किसानों के लिए यह एक महत्वपूर्ण योजना है. इस योजना कुछ शुरू करने में सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों के साथ-साथ बेरोजगारों को मधुमक्खी पालन की तरफ प्रोत्साहित करना है. मधुमक्खी पालन व्यवसाय में सरकार द्वारा किसानों एवं बेरोजगारों को लोन के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करना है जिससे लोग इस कार्य को अच्छी प्रकार कर सकें. इसके अलावा सरकार द्वारा इस योजना में किसानों एवं बेरोजगार लोगों को अनुदान भी उपलब्ध कराएगी.
कितनी लागत आती है मधुमक्खी पालन में
किसान भाई अगर मधुमक्खी पालन को व्यवसायिक तौर पर शुरू करते हैं. तो मधुमक्खी पालन के 50 बॉक्स पर लगभग दो से ढाई लाख रुपए का खर्च आ जाता है. जिसमें से सरकार द्वारा लगभग 50 से 60% अनुदान दिया जाता है. जिसका लाभ लेने के लिए मधुमक्खी पालन किसान भाई अपने जिले के उद्यानिकी विभाग से संपर्क कर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
मधुमक्खी पालन में लकड़ी के बने बॉक्स, हाथ के दस्ताने, रानी मक्खी, खुली भूमि, शहद एकत्रित करने वाली मशीन आदि उपकरणों की इस व्यवसाय में जरूरत पड़ती है. 8 प्रेम वाले लकड़ी के एक बॉक्स की कीमत 600 से ₹800 तक होती है. जबकि मधुमक्खी की कॉलोनी सहित बॉक्स की कीमत 35 सौ से ₹6000 तक होती है.
सामान्य रूप से अप्रैल से सितंबर के महीने तक जब मधुमक्खी के लिए फ्लोरा कम मात्रा में उपलब्ध होता है. तब इसकी कीमत कम हो जाती है. इसके अलावा अक्टूबर से मार्च तक जब पूरा पर्याप्त मात्रा में रहती है. तब इसकी कीमत अधिक हो जाती है .यदि यह बात इस योजना के अंतर्गत आते हैं. तो एक बॉक्स पर 75% तक का अनुदान मिल जाता है.
मधुमक्खी पालन में एक व्यक्ति द्वारा डेढ़ सौ से 200 भाग बॉक्स आराम से देखरेख कर लेता है. अगर शहद की प्रोसेसिंग पर लागत की बात करें तो ₹15 प्रति किलो एवं पैकेजिंग पर ₹40 प्रति किलो का खर्च आ जाता है
मधुमक्खी पालन योजना के लिए किसान की पात्रता
मधुमक्खी पालन लोन योजना के लिए उन किसानों को सबसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी. जो किसान पहले से मधुमक्खी पालन का व्यवसाय कर चुके हैं.
साथ ही योजना के लाभार्थी किसानों को सरकार द्वारा निशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इसके अलावा लाभ लेने वाले किसान भाई को कम से कम आठवीं कक्षा तक की शिक्षा का होना जरूरी है.
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
इस योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज लाभार्थी के पास होना जरूरी है-
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
मधुमक्खी पालन लोन योजना के लिए कैसे करें आवेदन
- इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को सबसे पहले राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा.
- इसके बाद होम पेज पर मधुमक्खी पालन लोन योजना के लिंक पर क्लिक करना होगा.
- इसके बाद एक एप्लीकेशन फॉर्म ओपन हो जाएगा. जिसे डाउनलोड करना होगा.
- एप्लीकेशन फॉर्म को ध्यान पूर्वक भरने के पश्चात अपने नजदीकी मधुमक्खी पालन केंद्र में जमा करना होगा
- यदि आपको विभाग के द्वारा इस व्यवसाय के लिए चयनित कर लिया जाएगा. तो इसकी सूचना आपको दी जाएगी.
- इसके उपरांत आपको इस योजना का प्रशिक्षण दिया जाएगा. और व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन भी उपलब्ध कराया जाएगा.
दो तरीके से शुरू कर सकते हैं मधुमक्खी पालन
किसान भाई यह तो मधुमक्खी पालन को व्यवसायिक तौर पर शुरू करना चाहते हैं. तो शुरुआत में 50 मधुमक्खी के बॉक्सो से इसकी शुरुआत कर सकते हैं. इसके अलावा इकोलॉजिकल फार्मिंग के साथ-साथ मधुमक्खी पालन को 10 बॉक्स के साथ भी शुरू किया जा सकता है.
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इन विभागों द्वारा दिया जाएगा किसानों को प्रशिक्षण
देश के ज्यादातर भागों में मुख्य रूप से इटालियन मधुमक्खी (ऐपीस मेलीफेरा) का पालन किया जाता है. क्योंकि यह स्वभाव से शांत होने के कारण इसका पालन करने में काफी आसानी होती है. मधुमक्खी पालन में तीन प्रकार की मधुमक्खियों की जरूरत होती है. पहली मधुमक्खी रानी मधुमक्खी जो 24 घंटे में लगभग 800 से 1500 अंडे दे देती है. दूसरे प्रकार की मक्खी को श्रमिक मधुमक्खी कहा जाता है. जो अंडे से निकले बच्चों को खाना खिलाने और शहद बनाने का कार्य करती है. मधुमक्खी पालन में श्रमिक मजदूरों की संख्या एक डिब्बे में लगभग 25 से 30,000 तक होती है. तीसरी की को ड्रोन या नर मक्खी जो रानी को गर्भधारण करने का कार्य करती है एक डिब्बे में इनकी संख्या लगभग 300 से 400 के बीच होती है.
कृषि विभाग एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा चयनित किसानों को मधुमक्खी पालन के व्यवसायिक तौर तरीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिससे किसान भाई इस व्यवसाय से अधिक से अधिक लाभ ले पाए और उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके.