Contents
गाय के कल्याण के लिए गौमाता टैक्स
देश में पशुओं की स्थिति में सुधार लाने और गौशालाओं के उत्थान के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. जिससे देश में गौ धन का कल्याण हो सके इसके लिए तरह-तरह की योजनाएं और अनुदान का सरकारों द्वारा प्रावधान किया जा रहा है. लेकिन इस बार राज्य सरकार द्वारा गायों के कल्याण के लिए धन जुटाने के लिए उपकर लगाने की योजनाएं बनाई जा रही है.
मध्य प्रदेश की राज्य सरकार द्वारा गायों के कल्याण के लिए धन जुटाने के ले लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा एक जनसभा को संबोधित करते हुए ‘गौमाता’ टैक्स के बारे में ‘भारतीय संस्कृति’ का आह्वान किया.जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा लोगों से पूछा गया “मैं ‘गौमाता’ (गाय) के कल्याण के लिए और गौशालाओं के उत्थान के लिए कुछ मामूली कर लगाने के बारे में सोच रहा हूं… क्या यह ठीक रहेगा?” इस पर सभा में मौजूद लोगों ने हां में जवाब दिया.
यह भी पढ़े : आइये जाने मालवी गेहूं की बायोफोर्टिफाइड किस्म एच० आई० 8737 के बारे में
गायों की खातिर जनता से कुछ छोटे टैक्स
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कहा गया कि हमारी संस्कृति में हम सभी गायों को पहली रोटी घर में पके हुए खिलाते थे. इसी तरह हम कुत्तों को आखिरी रोटी खिलाते थे. हमारी संस्कृति में जानवरों के लिए काफी चिंता थी. जो अब लुप्त हो रही है. इसीलिए हम गायों की खातिर जनता से कुछ छोटे टैक्स वसूलने के बारे में सोच रहे हैं.
इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में गौशाला चढ़ाने के लिए कानून बनाया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा समाज को भी गायों की रक्षा में सरकार की मदद करनी चाहिए. पहले, गायों के बिना कृषि खेती असंभव थी, लेकिन ट्रैक्टर ने ऐसी खेती को बदल दिया है.
बनेगी नई गौ नीति
राज्य के मुख्यमंत्री चौहान द्वारा इससे पहले कहा गया कि मध्य प्रदेश में गौ सेवा के लिए समिति तक नीति बनाए जाने की शुरुआत की गई है. गौशालाओं का संचालन केवल सरकार अकेले करें इससे बेहतर है. कि इसमें श्रद्धा आस्था और समर्पण भाव रखने वाली विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं को भी शामिल किया जाए.
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि शीघ्र ही संबंध में सभी संस्थाओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा एक वर्चुअल मीटिंग रखी जाएगी. ताकि सभी के सुझाव वृहद स्वरूप प्राप्त हो सके. इसी के आधार पर राज्य में नई गौ बनाई जाएगी.
विभिन्न योजनाओं का बीज किया जाएगा सहारा
मुख्यमंत्री द्वारा कहां गया कि गोमूत्र से बने कीटनाशक में जहरीले केमिकल से मुक्ति दिला सकते हैं. वहीं गो कास्ट और अन्य उत्पाद आज अधिक प्रासंगिक साबित हो रहे हैं. उन्होंने गांव कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया हमारे समक्ष गौशालाओं के संचालन के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को आगे रखने और इन गौशालाओं में बेहतर संसाधन के लिए गो ग्रास के रूप में न्यूनतम राशि प्राप्त करने का प्रस्ताव दिया गया है. हम केवल गो ग्रास पर ही निर्भर नहीं रहेंगे. गौशालाओं के संचालन और नवीन निर्माण के लिए पंच परमेश्वर और अन्य संबंधित विभागों की विभिन्न योजनाओं का भी सहारा लिया जाएगा.
यह भी पढ़े : देश में ईसबगोल कहां उगाया जाता है? किसान भाई इस औषधीय फसल की वैज्ञानिक खेती कर कैसे बन सकते हैं मालामाल?
मुख्यमंत्री ने दिया रिसर्च सेंटर बनाने के निर्देश
राज्य के मुख्यमंत्री श्री चौहान जी ने सांवरिया में गौ माता के संबंध में एक रिसर्च सेंटर बनाने का निर्देश नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय के कुलपति को भी दिया.इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि यहां गौशालाओं के संचालन का आधार बनाकर एक प्रशिक्षण केंद्र भी बनाया जाएगा. यहां राष्ट्रीय सेवा योजना के कैंप लगे इसके प्रयास भी हो। गौ माता के सानिध्य में ध्यान योग के प्रबंध भी किए जाएं. यह अभयारण्य समग्र रूप से एक स्वावलंबी गौशाला का उदाहरण बने, इसके प्रयास किए जाएंगे.