यूरिया के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का आवंटन
Urea subsidy in india :किसानो को खेती के जरिये अधिक लाभ मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी सरकार सस्ती दर पर यूरिया व खाद (urea and fertilizers) उपलब्ध कराने के लिए नई-नई योजनाओं भी ला रही है. जिससे किसनों की फसले अच्छी हो सके. लेकिन विदेशी बाजार में इन उर्वरकों में लगातार मूल्य बढ़ते जा रहे है. हालांकि देश की सरकार द्वारा किसानों को सस्ती दर पर खाद व उर्वरक उपलब्ध कराया जाता रहा है.
इसलिए इस खरीफ के सीजन (kharif season) में सरकार द्वारा किसानों को सस्ती दर पर यूरिया (urea) की उपलब्धता के लिए घोषणा की गयी है. इससे किसानों को इस खरीफ सीजन में सस्ती दर पर यूरिया उपलब्ध हो सकेगी. फिलहाल यूरिया की कीमतों (urea prices) में अभी कोई बढ़ोतरी नहीं होगी. केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए 10 लाख करोड़ रुपए का यूरिया अनुदान (urea subsidy in india) आवंटन किया है. जिससे किसानों को सस्ती दर से यूरिया प्रप्त हो सके.
फसलों के लिए यूरिया है उपयोगी
देश के ज्यादातर किसानों अपनी फसलों में यूरिया का उपयोग करते है. जिसके कारण उनकी फसलों की उत्पादकता बढती है और फसलों की पैदावार अधिक होती है. जिससे उन्हें अधिक लाभ प्रप्त होता है.
लेकिन किसानों को अधिक यूरिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. क्योकि यूरिया का अधिक इस्तेमाल खेत की भूमि के लिए अच्छा नही होता है. इसलिए किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए. कि अधिक मात्रा में यूरिया का इस्तेमाल न करे. इसके लिए वह वह मृदा परिक्षण करा कर ही यूरिया का उपयोग करे. जिससे उनके खेत की भूमि उर्वरक बनी रहे.
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सरकार द्वारा 10 लाख करोड़ का यूरिया अनुदान (urea subsidy in india)
केंद्र की मोदी जी की सरकार द्वारा यूरिया अनुदान दिया जायेगा. इसके लिए 15 अगस्त के मौके पर प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लाल किले से अपने संबोधन में कहा गया कि सरकार द्वारा किसानों के लिए यूरिया सब्सिडी (urea subsidy) के रूप में 10 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए है. इस मौके पर उन्होंने यह भी बताया कि वैश्विक स्तर पर 3,000 रुपए प्रति बोरी कीमत वाली यूरिया, किसानों को 300 रुपए प्रति बोरी की सस्ती दर पर उपलब्ध कराई जा रही है. इसलिए सरकार द्वारा यूरिया सब्सिडी (urea subsidy) के रूप में 10 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए जा रहे है. इसके अलावा उन्होंने नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के बारे में भी जानकारी दी, कि इन पर भी काम किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने जैविक खेती को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया.
किसानों को इस तरह मिलेगा यूरिया अनुदान का लाभ
यूरिया अनुदान (urea subsidy) सरकार द्वारा किसानों को सीधे तौर पर नही दिया जाता है. यह अनुदान सरकार द्वारा उर्वरक बनाने वाली कंपनियों को दिया जाता है. जिससे किसानों को बाजार में मिलने वाला उर्वरक सरकार के अनुदान दिए जाने के बाद किसानों को प्राप्त होता है. इसी कारण से वैश्विक स्तर पर 3000 रुपए प्रति बोरी मिलने वाली यूरिया देश के किसानों को मात्र लगभग 300 रुपए में मिल जाती है. सरकार किसानों को सभी प्रकार के मुख्य खाद व उर्वरक पर अनुदान दिया जाता है.
यदि सरकार द्वरा इस पर अनुदान दिया जाय, तो ये 45 किलों वाली यूरिया बोरी के लिए किसानों को लगभग 300 रूपये के बजाय 3000 रूपये खर्च करने पड़ेगें. इसलिए सरकार द्वारा खाद-उर्वरक पर अनुदान (Subsidy on Manure and Fertilizer) दिया जा रहा है. जिससे किसानो अपनी फसलों का अच्छा उत्पादन कर अपनी आय को बढ़ा सके.
सरकार के अनुदान के बाद खाद एवं उर्वरक के नया मूल्य (Latest rate of urea, DAP,ect. after subsidy)
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा खाद व उर्वरक के लिए भारी अनुदान राशि की घोषणा की गई है. जिसके कारण देश के किसानों को बिना किसी बढ़ोत्तरी के पहले की तरह ही यूरिया सहित अन्य उर्वरकों को खरीद पायेगें. किसानो के लिए खाद एवं उर्वरकों के नए मूल्य इस प्रकार है-
खाद/ उर्वरक का नाम | खाद/उर्वरक का वजन |
अनुदान के बाद खाद/उर्वरक का ताजा मूल्य |
बिना अनुदान के खाद/उर्वरक का ताजा मूल्य |
---|---|---|---|
यूरिया (Urea) | 45 किलोग्राम | 266.50 रुपए प्रति बोरी | 2450 रुपए प्रति बोरी |
डीएपी (DAP) | 50 किलोग्राम | 1350 रुपए प्रति बोरी | 4073 रुपए प्रति बोरी |
एनपीके (NPK) | 50 किलोग्राम | 1470 रुपए प्रति बोरी | 3291 रुपए प्रति बोरी |
एमओपी (MOP) | 50 किलोग्राम | 1700 रुपए प्रति बोरी | 3654 रुपए प्रति बोरी |
किसानों को नैनों यूरिया के उपयोग की सलाह
सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान मिलने के बाद में इस समय 45 किलों वाली यूरिया की एक बोरी किसानों को 266.50 रुपए में मिलती है. जिससे सरकार को एक बोरी के लिए 2183.5 रुपए अनुदान के रूप में देने पड़ते है. इस तरह सरकार पर सबसे ज्यादा खाद एवं उर्वरक के अनुदान (Urea subsidy in india) किसानो को खेती के जरिये अधिक लाभ मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी सरकार सस्ती दर पर यूरिया पर खर्च करना पड़ रहा है. इसलिए सरकार द्वारा किसानों को नैनो यूरिया के उपयोग की सलाह दी जा रही है.
यूरिया के स्थान पर नैनो यूरिया किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है. क्योकि यह फसलों एवं खेत की भूमि दोनों के लिए उपयोगी होती है.और यह यूरिया की बोरी से सस्ती भी पड़ती है. इसलिए यह किसान और सरकार दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगी.
नैनो यूरिया की 500 मिली लीटर की बोतल कार्य 45 किलो वाली एक यूरिया की बोरी के बारबार ही होता है. वही इसका मूल्य यूरिया की बोरी से काफी किफायती होता है. नैनों यूरिया की 500 एमएल की एक बोतल लगभग 225 रुपए में बाजार में उपलब्ध हो जाती है.
इसके अलावा इसका सबसे बड़ा फायदा यह कि यह तरल अवस्था में होती है. जिससे किसान भाई इसका इस्तेमाल आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर कर सकते है.यह फसलों के लिए भी अधिक उपयोगी होती है.
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कितनी उपयोगी साबित होती है नैनो यूरिया
- नैनों यूरिया किसानों के लिए काफी उपयोगी है. इसकी एक 500 एम्एल की बोतल में 40,000 पीपीएम नाइट्रोजन पाया जाता है. जो एक सामान्य बोरी यूरिया के समान होता है.
- इसके अलावा सरकार द्वारा इस नैनो यूरिया पर किसी तरह का अनुदान भी नही दिया जाता है. फिर भी यह किसानों को यूरिया बोरी की अपेक्षा कम कीमत पर मिल जाती है.
- अगर देखा जाय सामान्य बोरी यूरिया लगभग 266.50 में आती है वही नैनों यूरिया की 500 एमएल की बोतल 225 रुपए में मिल जाती है. जबकि कार्य क्षमता दोनों की बराबर होती है.
- इस तरह यदि किसान भाई यूरिया बोरी की जगह नैनों यूरिया का उपयोग करते है तो उन्हें 41.50 रुपए की बचत भी हो सकती है.