मछली पालन पालन पर 60 फीसदी का अनुदान
देश के किसान खेती-किसानी के साथ-साथ खेती से जुड़े अन्य व्यवसाय भी करते है जिससे उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी हो सके. इन्ही व्यवसायों में से ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन (Fish farming) का व्यवसाय काफी लोकप्रिय है. मछली पालन के व्यवसाय में किसान भाई कम समय में अधिक मुनाफा कमा लेते है. इसी वजह के कारण सरकार भी मछली पालन (Fish farming in india) के इस व्यवसाय को प्रोत्साहन देती रही है. इसी कड़ी में सरकार अब मछली पालन करने वाले किसानों को 60 प्रतिशत तक का अनुदान देगी.
सरकार द्वारा छोटे और लघु सीमान्त किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नई-नई योजनायें लाती रहती है. इसी लिए सरकार द्वारा वर्ष 2020 में पीएम मत्स्य सम्पदा योजना की शुरुवात की गई थी. इस योजना के द्वारा किसानों को मछली पालन के लिए कर्ज के साथ-साथ फ्री ट्रेनिंग (Fish farming tips) भी दी जाती है. इसके अलावा योजना के लिए सरकार अनुदान भी उपलब्ध कराती है.
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60 प्रतिशत अनुदान का प्राविधान
पीएम मत्स्य सम्पदा योजना के तहत अनुसूचित जाति और महिला किसानों के लिए मछली पालन के लिए 60 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है. वही अन्य सभी को 40 प्रतिशत तक के अनुदान दिया जाता है. अगर किसान भाई इस योजना के लिए आवेदन करना चाहते है तो इसकी अधिकारिक वेबसाइट https://dof.gov.in/pmmsy पर जाकर कर आवेदन कर सकते हैं.
योजना के लिए सरकार देती है कर्ज
किसान भाई मछली पालन करके अच्छा मुनाफा कमा सकते है. नेशनल फिशरी डेवलपमेंट बोर्ड की प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक 20 हजार किग्रा क्षमता वाले टैंक या पॉन्ड बनाने पर आपके प्रोजेक्ट की लागत 20 लाख रुपये तक आती है. इसका 60 प्रतिशत सरकार की तरफ से मुहैया कराया जाता है. इसके अलावा इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए सरकार कर्ज भी मुहैया कराती है.
सरकार की पीएम मत्स्य सम्पदा योजना के तहत मछली पालक किसान क्रेडिट कार्ड बनवा कर 1.60 लाख रुपये तक का कर्ज बिना किसी की गारंटी के ले सकता है. इसके साथ ही इस क्रेडिट कार्ड पर किसान भाई अधिकतम 3 लाख तक ऋण लिया जा सकता है. किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण लेने पर इस पर अन्य ऋणों से ब्याज दर काफी कम होती है.