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Carambola Farming – कमरख की खेती की पूरी जानकारी (हिंदी में)

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कमरख की खेती (Carambola Farming) की पूरी जानकारी

कमरख की खेती (Carambola Farming) की पूरी जानकारी

नमस्कार किसान भाईयों, कमरख की खेती (Carambola Farming) विश्व के ज्यादातर देशों में की जाती है. इसका फल दुनिया भर में लोकप्रिय है. भारत में भी इसकों काफी पसंद किया जाता है. किसान भाई इसको उगाकर अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते है. गाँव किसान (Gaon kisan) आज आप आपके लिए कमरख की खेती (Carambola Farming) की पूरी जानकारी अपनी भाषा हिंदी में ले के आया है. जिससे किसान भाई इसकी अच्छी उपज प्राप्त कर सके. तो आइये जानते है कमरख की खेती (Carambola Farming) की जानकारी-

कमरख फल के फायदे

कमरख एक खट्टे स्वाद वाला फल है. यह अचार, चटनी, सब्जी एवं फल के रूप में खाया जाता है. विदेश में कमरख की सब्जी को खूब पसंद किया जाता है. अमरख के फल में विटामिन एंटीऑक्सीडेनिक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते है. 100 ग्राम कमरख के सेवन से 9.38 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 1.04 ग्राम प्रोटीन, 0.33 ग्राम लिपिड तथा 2.80 ग्राम खाद्य रेशे की प्राप्ति होती है. कमरख के फल में मानव स्वास्थ्य के जरूरी सभी तरह के अमीनों अम्ल पाए जाते है. इसमें एलानिन, लाइसिन और सरीन के अलावा विटामिन सी, पोटैशियम और कई खनिज तत्व पाए जाते है. इससे कई प्रकार की औषधियों का निर्माण भी किया जाता है. इससे मूत्राशय, गुर्दे की समस्याएं, ज्वर निवारण, पित्त सम्बन्धी समस्याएं, पेट फूलने और दस्त आदि रोगों में लाभकारी होता है.

उत्पति एवं क्षेत्र 

कमरख को स्टार फ्रूट (Star Fruit) भी कहा जाता है. इसका वानस्पतिक नाम एबेरोवा केरम्बालालिन (Aberroa carambollmn) है. यह आक्जेलीडेसी (Oxalidaceae) कुल का पौधा है. इसकी उत्पत्ति भारतीय महाद्वीप के श्रीलंका या हिन्देशिया में हुई है. विश्व में इसकी खेती दक्षिणी एशिया, आस्ट्रेलिया और अमेरिका में बारहमास की जाती है. इसके अलावा यह भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलिपीन्स आदि देशों में भी उगाया जाता है. भारत में कमरख की खेती उड़ीसा, गुजरात, तमिलनाडु, कर्णाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश आदि राज्यों में की जाती है.

जलवायु एवं मिट्टी (Carambola Farming)

कमरख की खेती के लिए उपोष्ण एवं उष्ण कटिबंधीय जलाव्यु उपयुक्त होती है. भूमि का पी० एच० मान 5.5 से 6.5 के बीच का होना चाहिए. गर्मी वाले मौसम में इसका पेड़ काफी अच्छी वृध्दि करता है. कमरख का पेड़ समुद्र से 1200 मीटर की ऊंचाई तक के क्षेत्रों में आसानी उगाया जा सकता है. लेकिन पाला गिरने वाले क्षेत्रों में इसकी वृध्दि पर विपरीत असर पड़ता है.

अमरख का पौधा अच्छा विकास करे इसके लिए पोषक तत्वों से भरपूर जलोढ़ मिट्टी उपयुक्त होती है. जिस भी भूमि में कमरख का पेड़ लगाया जाय वहां से जल निकास का उचित प्रबंध होना चाहिए.

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कमरख की उन्नत किस्में

कमरख की प्रजाति विशेष नही होती है. इसकी किस्मों का बटवारा फलों के स्वाद के आधार पर किया जाता है. कमरख के फल खुशबूदार और गूदेदार होते है. लेकिन फलों का स्वाद खट्टा और मीठा होता है. इसलिए कमरख को दो किस्मों में खट्टी कमरख और मीठी कमरख के रूप में पायी जाती है.

प्रवर्धन की विधियाँ (Carambola Farming)

कमरख की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए कमरख की पौध प्रवर्धन विधियों द्वारा तैयार करनी चाहिए. इसके लिए भेंट कलम, दाब लगाना, ढाल चश्मा, फोरकर्ट चश्मा और बगली कलग आदि विधियाँ अपनानी चाहिए. दाब और चश्मा विधियों के लिए जनवरी महीना उपयुक्त होता है.

खेत की तैयारी (Carambola Farming)

कमरख के पौधे लगाने से पहले भूमि की अच्छी तरह से सफाई कर लेना चाहिए. इसके बाद खेत की दो से तीन बार अच्छी प्रकार जुताई कर लेनी चाहिए. इसके अलाव पाटा लगाकर मिट्टी को समतल कर लेना चाहिए. इसके उपरांत बरसात ठीक एक महीना पहले खेत में गड्ढे खोद लेना चाहिए. इन गड्ढों की दूरी 8 X 8 मीटर की दूरी होनी चाहिए.

पौधों की रोपाई

कमरख के पौधों के लिए खोदे गए गड्ढों में बरसात की शुरुवात में ही पौधों की रोपाई कर देनी चाहिए. रोपाई करते समय 5 किलोग्राम खाद और मिट्टी के मिश्रण की साथ ही में गड्ढों में ऊपर तक भर देना चाहिए. इसके साथ ही पेड़ का थाला भी अच्छी प्रकार बना देना चाहिए.

सिंचाई (Carambola Farming)

अमरख की रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए. वर्षा काल में ज्यादा सिंचाइयों की आवश्यकता नही पड़ती है. साथ वर्षा में जलभराव की स्थिति से बचाव करना चाहिए. इससे पौधों की वृध्दि को नुकसान पहुंचता है. गर्मीं के मौसम में 15 दिन के अंतर पर तथा जाड़ों में एक माह के अंतर पर सिंचाई करनी चाहिए. इसके अलावा आवश्यकतानुसार सिंचाई करनी चाहिए.

खाद एवं उर्वरक 

कमरख के हर पेड़ को 100 किलोग्राम गोबर की सड़ी खाद प्रति पेड़ प्रति वर्ष डालना चाहिए. इसके पेड़ को ज्यादा रासायनिक खाद की जरुरत नही होती है. लेकिन फिर भी मृदा परिक्षण के अनुसार रासायनिक खादों का प्रयोग कर सकते है.

निराई-गुड़ाई (Carambola Farming)

कमरख के लगाये गये पौधों के थालों की नियमित रूप से सफाई करनी चाहिए. और समय-समय पर पौधो की निराई-गुड़ाई करते रहना चाहिए. जिससे पौधे अच्छी तरह से वृध्दि कर सके.

फूल एवं फल आने का समय 

कमरख के पेड़ों को अगर गर्म जलवायु पूरे साल मिले तो इसके पेड़ में पूरे साल फूल और फल लगते है. दक्षिण भारत में जनवरी तथा सितम्बर और अक्टूबर में लगते है तथा उत्तर भारत में नवम्बर से मार्च तक फल मिलते है.

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कमरख की फल तुड़ाई 

कमरख के तुड़ाई फल पकने पर ही करनी चाहिए. कमरख के पेड़ों से चुनकर पके हुए फलों को तोड़ना चाहिए. फल पकने पर इसका रंग बदल जाता है. पके हुए फलों को सावधानी पूर्वक तोड़ना चाहिए. जिससे उनकों नुकसान न पहुंचे.

तोड़ाई के बाद कमरख को अच्छी प्रकार पानी से धुल के साफ़कर बाजार भेजना चाहिए. कमरख की स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी मांग होने के कारण अच्छी कीमत मिलती है.

उपज 

कमरख के तैयार पेड़ से लगभग 100 किलोग्राम प्रति पेड़ प्रति वर्ष कमरख का फल प्राप्त होता है.

निष्कर्ष 

किसान भाईयों उम्मीद है गाँव किसान (Gaon kisan) के कमरख की खेती (Carambola Farming) से सम्बन्धित इस लेख से सभी जानकारियां मिल पायी होगी. गाँव किसान (Gaon kisan) द्वारा कमरख के फल के फायदे से लेकर कमरख की उपज तक सभी जानकारियां दी गयी है. फिर भी कमरख की खेती (Carambola Farming) से सम्बंधित आपका कोई प्रश्न हो तो कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट कर पूछ सकते है. इसके अलाव यह लेख आप को कैसा लगा कम्नेट कर जरुर बताये. महान कृपा होगी.

आप सभी लोगो का बहुत-बहुत धन्यवाद, जय हिन्द. 

 

4 COMMENTS

  1. भारत में कमरख यानि स्टार फ्रूट की फार्मिंग खा होती है एव इनका पोधा कहा उपलब्ध होगा !
    contect kare number 7000043119

  2. मन्नासिंह सेंगर, महिया खास, जनपद जालौन, उ०प्र०.

    जानकारी अच्छी लगी। अगर कमरा की पौध की उपलब्धता (मिलने का स्थान)बता देते तो और अच्छा होता। धन्यवाद।

    • धन्यवाद, सर, कमरख के पौध के लिए आप अपने नजदीकी उद्यान विभाग या वन विभाग अधिकरी से संपर्क कर सकते है.

  3. (1) The Kamrakh Plant can Grow on Black cotton Soil.
    (2) Can it in Pratapgarh District, Rajasthan.
    (3) What Type of Weather Required.
    (4) At what Age The Plant Start Fruiting.
    (

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