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Java plum tree farming | जामुन की खेती कैसे करे ? | Java plum in Hindi

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Java plum tree farming

Java plum tree farming | जामुन की खेती कैसे करे ?

जामुन का वृक्ष (Java plum tree) भारत में पाए जाने वाले प्राचीन वृक्षों में से एक है. यह सदैव हरा-भरा रहता है. यह एक उपयोगी वृक्ष है. इसके वृक्ष को एक बार लगाने के बाद यह 50 से 60 साल तक पैदावार देता रहता है.

इसलिए गाँव किसान आज अपने इस लेख में जामुन की खेती (Java plum tree farming) के बारे में पूरी जानकारी देगा, वह भी अपनी भाषा हिंदी में. जिससे किसान भाई जामुन की खेती कर अच्छी उपज प्राप्त कर सके. और उन्हें अधिक मुनाफा प्राप्त हो सके. तो आइये जानते है जामुन की खेती (Java plum tree cultivation) की पूरी जानकारी-

जामुन के फायदे (benefits of Java plum)

जामुन (java plum tree) का सम्पूर्ण वृक्ष ही काफी उपयोगी होता है. ज्यादातर सभी लोग इसके फलों को ही खाना ही पसंद करते है. लेकिन इसके फलों का जैम, जेली, सिरका, जामुन चूर्ण, जामुन कैप्सूल, शराब और शरबत बनाने में भी उपयोग किया जाता है.

जामुन के फलों में कई तत्व पाए जाते है जिसके कारण यह काफी उपयोगी होता है. इसके फलों के सेवन से मधुमेह, एनीमिया, दांत और पेट संबधित बीमारियों में फायदा होता है.

इसके अलावा जामुन के पेड़ की लकड़ी मजबूत एवं पानी से न खराब होने के कारण इसका उपयोग चौखट, पटा, रेलवे के शयनकक्ष एवं अन्य फर्नीचर बनाने में किया जा सकता है.

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जामुन की उत्पत्ति एवं क्षेत्र (Origin and region of Jamun)

जामुन वैज्ञानिक नाम सिजीजियम कमिनी (Syzygium cumini) है. इसकी उत्पत्ति का स्थान भारत माना गया है. इसको विभिन्न घरेलू नामों जैसे जामुन, राजमन, काला जामुन, जमाली, ब्लैकबेरी आदि के नाम से जाना जाता है. इसकी उंचाई 30 मीटर तक होती है.

विश्व में यह वृक्ष भारत के अलावा दक्षिण एशिया के देशों एवं इण्डोनेशिया आदि में पाया जाता है. भारत में यह गंगा के मैदान तथा तमिलनाडु में कावेरी नदी के डेल्टा क्षेत्रों में उगाया जाता है.

जामुन के लिए उचित जलवायु (Suitable climate for Java plum tree)

Jamun ki kheti के लिए समशीतोष्ण एवं उष्णकटिबंधीय जलवायु उपयुक्त होती है. इसके वृक्ष को ठन्डे प्रदेशों को छोड़कर सभी जगह उगाया जा सकता है.

इसके वृक्ष पर सर्दी, गर्मी और बरसात का ज्यादा असर नही पड़ता है. लेकिन पाला और अधिक गर्मी इसको नुकसान पहुंचा सकती है.

जामुन की खेती के लिए भूमि (Land for Jamun Cultivation)

जामुन के पेड़ को लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है. लेकिन अच्छी उपज के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है.

इसके अलावा भूमि से जल निकास की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए. भूमि का पी० एच० मान 5 से 8 के बीच का होना चाहिए.

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जामुन की खेती के लिए उन्नत किस्में (Improved Varieties for Java plum tree farming)

जामुन की अच्छी उपज वाली किस्में जो उत्तर भारत एवं मध्य भारत में उगाई जा सकती है वह निम्न लिखित है –

राम जामुन 

जामुन की इस किस्म के वृक्षों को देश में अधिकतर उगाया जाता है. इसके फलों का आकार अंडाकार एवं गहरे बैंगनी रंग का होता है. इसको फल खाने में मीठा एवं रसदार होता है.

सी० आई० एस० एच० जे०-42 

जामुन की इस किस्म को केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है. इस किस्म के जामुन के फल में बीज नही पाया जाता है. इसके फल सामान्य मोटाई वाले अंडाकार होते है. जो पकने के बाद काला या गहरा नीला हो जाता है. यह स्वाद में मीठा और रसदार होता है. ये गुजरात और उत्तर प्रदेश में अधिक उगाये जाते है.

री जामुन 

यह किस्म पंजाब में अत्यधिक उगाई जाती है. जामुन की यह किस्म बरसात के मौसम उपज देती है. इसके फलों का रंग गहरा जामुनी या नीला होता है. इसके फल का आकार अंडाकार होता है. साथ ही इसके फलों की गुठली छोटी होती है.

भादो किस्म 

जामुन के इस किस्म का फल सामान्य आकार का होता है. इसका रंग गहरा बैंगनी होता है. जामुन की इस किस्म की पैदावार पछेती होती है. इसके फल बरसात के बाद अगस्त महीने में पकते है. इसके फलों का स्वाद हल्का खट्टा-मीठा होता है.

जामुन की इन किस्मों के अलावा नरेन्द्र-6, कोंकण भादोली, बादाम, जत्थी और राजेंद्र-1 पन्त सुदर्शन, पन्त सुवर्णा आदि प्रमुख किस्में है.

जामुन की प्रवर्धन की विधि (Method of propagation of berries)

जामुन की पेड़ों को बीज एवं कलम दोनों विधियों से लगाया जा सकता है-

बीज विधि 

इस विधि के लिए जामुन के अच्छे पके फलों की गुठली निकाल कर ताजे बीजों को  25-25 सेमी० की दूरी पर 4 से 5 सेमी० की गहराई में बो दे. यह बुवाई मानसून आने पर की जाती है. यह बुवाई थैलियों में करे. लगाने के लिए पौधा एक वर्ष में तैयार हो जायेगा.

चष्मा विधि 

इस विधि में अच्छी पैदावार देने वाले बीज इकट्ठे करके उन्हें नरसी में जुलाई-अगस्त में बोया जाता है. और एक साल में चष्मा चढाने के लिए तैयार हो जाते है.

रोपण विधि 

इस विधि में गर्मी के मौसम में खेत को अच्छी प्रकार तैयार कर लिए जाता है. इसके उपरांत खेत में 1 X 1 X 1 मीटर आकार के गड्ढे खो लेते है.

इसके बाद नर्सरी में तैयार पौधों को 10-10 मीटर की दूरी पर खोदे गए गड्ढों में लगाते है.

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जामुन के लिए खाद एवं उर्वरक (Manure and Fertilizer for Java plum tree)

जामुन के पेड़ों ज्यादा उर्वरक की जरुरत नही होती है. केवल पौधे लगाते समय 10 से 15 किलो गोबर की सड़ी हुई खाद गड्ढों में डालते है.

इसके अलावा रासायनिक खाद के रूप में प्रत्येक पौधे को 100 ग्राम एन०पी०के० की मात्रा को साल में तीन बार देनी चाहिए. लेकिन जब पौधा बड़ा हो जाये तब यह मात्रा बढ़ा देनी चाहए.

पूर्ण विकसित पौधे को 50 से 60 किलो गोबर की सड़ी खाद एवं एक किलों रासायनिक खाद की मात्रा को साल में चार बार देना चाहिए.

जामुन में सिंचाई (irrigation in jamun)

जामुन के तैयार पौधे को सिंचाई की आवश्यकता नही होती है. लेकिन जब पौधे तैयार किया जाते है. तब पौधे लगाते समय तुरंत सिंचाई करनी चाहिए. उसके उपरांत गर्मी के मौसम में हर सप्ताह और सर्दियों के मौसम में 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए.

जामुन में खरपतवार नियंत्रण (weed control in jamun)

जामुन में खरपतवार नियंत्रण के लिए पौधे के आधार से उगने वाले अन्य पौह्दों को समय-समय पर हटाते रहना चाहिए. और बगीचे वाले खेत की सफाई कर खरपतवार से मुक्त रखना चाहिए.

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फसल तुड़ाई एवं पैदावार (Harvest and harvest)

जामुन का पौधा चार साल में फल देने के लिए तैयार हो जाता है. फल पकने के तुरंत बाद ही तुड़ाई कर लेनी चाहिए. क्योकि इसका फल ज्यादा दिन तक पौधे पर नही रहता है. इसके पके फलों का रंग गहरा बैंगनी या काले रंग का होता है. इसलिए प्रतिदिन फलों की तुड़ाई करनी चाहिए.

जामुन के एक पेड़ से लगभग 120 से 150 किलो तक जामुन प्राप्त हो जाते है. जबकि एक एकड़ में 150 से ज्यादा जामुन के पेड़ लगाए जा सकते है. जिसका कुल उत्पादन 20,000 किलो तक प्राप्त हो जाता है.

जामुन का बाजार में लगभग 80 से 100 रुपये के बीज मूल्य रहता है. इस हिसाब से एक एकड़ में लगभग 15 से 20 लाख रूपये तक की कमाई की जा सकती है.

अन्य पूछे जाने वाले प्रश्न (Other FAQ)

प्रश्न : जामुन को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

उत्तर : जामुन का अंग्रेजी में मतलब Java Plum (जावा प्लाम) होता है। यह फल है और जामुन के पेड़ को Java Plum tree कहते है।

प्रश्न : जामुन खाने से क्या नुकसान होता है?

उत्तर : ब्लड शुगर | कब्ज जामुन में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। अगर आपने जामुन का सेवन अधिक मात्रा में किया तो इसके कारण आपको एक्ने की समस्या भी हो सकती है।

प्रश्न : जामुन का पेड़ कितने दिनों में फल देता है?

उत्तर : जामुन के पेड़ 4 से 5 वर्ष के बाद फल आने लगता है लेकिन लगभग 8 साल बाद पूर्ण रूप से फल देना शुरू करते हैं

प्रश्न : जामुन का पेड़ घर में लगाने से क्या होता है?

उत्तर : इस पौधे को गर में लगाने से वातावरण को शुद्ध होता है और सुख-शांति बनी रहती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार जामुन का पौधा लगाने से सौभाग्य के साथ कन्‍या की प्राप्ति होती है.

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