नैनो यूरिया क्या काम करती है ? इसका छिड़काव कब और कैसे करें ?

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नैनो यूरिया से मिलने वाले फायदे

नैनो यूरिया से मिलने वाले फायदे

देश के किसान अपने खेतों में अधिक उपज लेने के लिए खाद एवं उर्वरक का भरपूर उपयोग करते हैं. जिसमें वह अन्य उर्वरकों के अलावा यूरिया का भी उपयोग करते हैं. जिससे पौधों में नाइट्रोजन की कमी पूरी होती है.

यूरिया अभी तक एक बैग या बोरी में आती थी. जिसे किसान अपने खेतों में उपयोग करते थे. लेकिनअब यूरिया को नैनो यूरिया जिसे बहुत छोटे आकार में ज्यादा क्षमता के साथ तैयार किया गया है. इसे इफको द्वारा बनाया गया है. इफको नैनो यूरिया तरल रूप में 500 मिलीलीटर की एक बोतल में आती है. जो एक सामान्य यूरिया के बोरी के बराबर क्षमता रखती है. इसका प्रयोग कर किसान भाई कम लागत में अच्छी उपज ले सकते हैं. तो आइए जानते हैं नैनो यूरिया के बारे में पूरी जानकारी-

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नैनो यूरिया की खास बातें

  • नैनो यूरिया में नाइट्रोजन के कल बहुत छोटे आकार के होते हैं. इन कणों का औषध भौतिक आकार 20 से 50 नैनोमीटर होता है.
  • यह किसानों के लिए बहुत ही आसानी से और सस्ते मूल्य पर शुरू हो जाती है.
  • खेत में डाली जाने वाली परंपरागत यूरिया बोरी की जरूरत को नैनो यूरिया 50% तक कम कर देगा.
  • नैनो यूरिया से किसानों की लागत में कमी आएगी वही फसल की उपज अधिक होगी जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा.
  • नैनो यूरिया एक पर्यावरण अनुकूल उत्पाद है. जिससे मिट्टी, हवा, पानी के प्रदूषण को रोकने में सहायता होगी.

किसानों को मिलेगी बेहतर उपज

  • नैनो यूरिया पौधों के पोषण के लिए बहुत ही प्रभावी और असरदार उत्पाद है.
  • इसका प्रयोग करने से फसलों की उपज में बढ़ोतरी होगी. तथा उपज में पोषक तत्वों की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा.
  • नैनो यूरिया से भूमिगत जल की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा. साथ ही जलवायु परिवर्तन पर भी यह सकारात्मक प्रभाव डालेगी. जिससे ग्लोबल वार्मिंग में भी कमी आएगी.
  • नैनो यूरिया तरल के प्रयोग से पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त हो जाते हैं.
  • साथ ही मेनू यूरिया के प्रयोग से मिट्टी में  यूरिया की कमी आएगी जिससे वातावरण प्रदूषित नहीं होगा .
  • बोरी वाली ठोस यूरिया के अधिक प्रयोग से मृदा के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है.
  • साथ ही पौधों में बीमारी एवं कीट का खतरा भी बढ़ता है. फसल देर से पकती है और उत्पादन भी कम होता है.
  • इसके अलावा फसल की गुणवत्ता में भी कमी आती है.
  • नैनो पर यूरिया के प्रयोग से फसलें मजबूत तथा स्वस्थ बनती हैं और  फसलों को गिरने से भी बचा लेता है.

नैनो यूरिया से होने वाले फायदे

  • नैनो यूरिया तरल पर्यावरण की दृष्टि से बहुत ही अनुकूल और लाभदायक है.
  • लीचिंग और गैसीय उत्सर्जन के जरिए खेतों से हो रहे पोषक तत्वों के नुकसान से पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर असर हो रहा है. इसको नैनो यूरिया के प्रयोग से कम किया जा सकता है.
  • वातावरण पर इसका कोई भी अवशिष्ट प्रभाव नहीं पड़ता है.
  • भारत में खत्म होने वाले कुल नाइट्रोजन और वर्गों में से 82% हिस्सा यूरिया का है. और पिछले कुछ वर्षों में इसकी खपत में अप्रत्याशित वृद्धि हो गई है. जिसे नैनो यूरिया तरल द्वारा कम किया जा सकता है.
  • परंपरागत यूरिया का लगभग 30 से  50% नाइट्रोजन ही पौधों के विकास के काम में आता है. बाकी वाष्पीकरण और पानी व मिट्टी के बहाव व कटाव के बीच रासायनिक परिवर्तनों के चलते बेकार चला जाता है. इसलिए नैनो यूरिया का उपयोग सबसे फायदेमंद होता है.
  • परम नैनो यूरिया से पोषक तत्वों का सदुपयोग बढ़ता जा रहा है. और यह लंबे समय में प्रदूषण और वायुमंडल गर्म होने की समस्या को भी कम करने में सहायता प्रदान करेगा.

नैनो यूरिया का छिड़काव कब और कैसे करें

  • नैनो  यूरिया के घोल का छिड़काव खड़ी फसल में 2 से 4 मिलीलीटर पानी में करना चाहिए.
  •  नाइट्रोजन की कम आवश्यकता वाली फसलों में 2 मिलीलीटर एवं नाइट्रोजन की अधिक आवश्यकता वाली फसलों में 4 मिलीमीटर तक नैनो यूरिया प्रति लीटर पानी की दर से उपयोग किया जा सकता है.
  •  नैनो यूरिया को अनाज, तेल, सब्जी, कपास इत्यादि फसलों में दो बार तथा दलहनी फसलों में एक बार उपयोग करना चाहिए.
  • नैनो यूरिया का पहला छिड़काव फसल की अंकुरण या रोपाई के 30 से 35 दिन बाद तथा दूसरा छिड़काव फूल आने के 1 सप्ताह बाद कर सकते हैं.
  • नैनो यूरिया के  एक हेक्टेयर खेत के छिड़काव के लिए प्रति छिड़काव लगभग 125 लीटर पानी की आवश्यकता पड़ती है.
  • किसान भाई इस बात का ध्यान रखें नैनो यूरिया के उपयोग से पहले बोतल को अच्छी तरह हिला कर ही उपयोग में लाएं.
  • छिड़काव के लिए फ्लेट फेन या कट नोजल का उपयोग ही करना चाहिए.
  • यूरिया का छिड़काव किसान भाई सुबह या शाम के समय में करें इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें छिड़काव के समय तेज धूप हवा या ओस नहीं होनी चाहिए.
  • किसान भाई इस बात का भी ध्यान रखें  यदि नैनो यूरिया का छिड़काव के 12 घंटे के भीतर बारिश हो जाती है तो उन्हें छिड़काव को  दोहराएं.

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  • यदि आवश्यकता हो तो किसान भाई नैनो यूरिया को आसानी से जैव उत्प्रेरक 100% पानी में घुलनशील उर्वरकों और कृषि रसायनो के साथ मिलाकर उपयोग कर सकते हैं.
  • लेकिन किसान भाई इस बात का जरूर ध्यान रखें हमेशा मिश्रण और छिड़काव से पहले जार का परीक्षण अवश्य कर लें.
  • नैनो यूरिया का उपयोग करने से पहले किसान भाई बोतल की निर्माण तारीख जरूर जांच लें. यदि निर्माण तारीख 2 वर्ष की अंदर की है. तो नैनो यूरिया बेहतर परिणाम देगी.
  • किसान भाई इस बात का भी ध्यान रखें, कि यदि नैनो यूरिया विमुक्त है तो सुरक्षा की दृष्टि से फसल पर छिड़काव करते समय किसान फेस मास्क और दस्ताने का उपयोग जरूर करें.
  • नैनो यूरिया को किसान भाई जब घर पर लेकर आए. तो उसे घर की उस जगह पर रखें. जहां पर बच्चे या पालतू जानवर उसकी बोतल तक न पहुंच सके.
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