क्या है धान की नर्सरी की  डैपोग विधि ?

धान की नर्सरी (डैपोग विधि) का विकास फिलीपींस में किया गया है. भारत में यह विधि आंध्र प्रदेश में अपनाई जाती है .

इस विधि में पौधों को बिना मृदा के उगाते है. पौधों को तैयार करने में उर्वरक एवं खाद की आवश्यकता नही पड़ती है. 

इस विधि में पौधे 10 से 15 दिन में रोपने योग्य हो जाते है. 

 डैपोग विधि से नर्सरी तैयार करने के लिए 25 से 30 वर्ग मीटर स्थान की आवश्यकता होती है. 

डैपोग विधि में बीज 36 से 48 घंटे में अंकुरित हो जाते है  

पौधे रोपने के बाद खेत में 4-6  सेमी० पानी रहना आवश्यक है 

लेह लगाने से मृदा में जल रिसाव की दर घटती है. और खरपतवार नियंत्रण में सहायता मिलती है.

क्षारीय (ऊसर) भूमि में 40-45 दिन के पौधों की रोपाई करनी चाहिए. 

जब पौधे 45 दिन के हो जाए, तो एक स्थान पर 5-6 पौधों की रोपाई करनी चाहिए. 

गहरे जल में चकिया-59 तथा मधुकर किस्मों को उगाना चाहिए.

उथले जल में जगन्नाथ, पंकज आदि किस्मों की बुवाई करनी चाहिए. 

क्या है धान की नर्सरी की  डैपोग विधि ?