चुकंदर की खेती में मैग्नीशियम का उपयोग
मैग्नीशियम की कमी से मध्य आयु वाली पत्तियों में पीले रंग के छोटे-बड़े चकत्ते पत्ती के किनारों की ओर पड़ जाते है.
बाद में ये पीले रंग के चकत्ते हो जाते है. इन चकत्तों का पीला रंग विषाणु द्वारा नारंगी पीले से भिन्न होता है.
जब भूमि में मैग्नीशियम की कमी के कारण यह लक्षण पौधे पर दिखाई देते है.
मैग्नीशियम की कमी के लक्षण दिखाई पड़ने पर अनुमोदित मात्रा में इसे मिट्टी में मिला सकते है.
चुकंदर की खेती के लिए मैग्नीशियम की कमी दूर करने के लिए इप्सम लवण का उपयोग किया जाता है.
इसके अलावा किसान भाई भूमि की मिट्टी में किसेराईट का भी प्रयोग कर सकते है.
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