उर्द बुवाई का समय एवं उन्नत किस्में 

बसंत ऋतु में उर्द बोने के लिए फरवरी का तीसरा सप्ताह ठीक रहता है. 

ग्रीष्म ऋतु में बुवाई मार्च के अंत तक कर देनी चाहिए. 

वर्षा ऋतु की बुवाई जून के अंतिम सप्ताह अथवा जुलाई के प्रथम सप्ताह में होनी चाहिए. 

टाइप-6, टाइप-27, टाइप-65, पन्त यू-30, पूसा-1, नवीन, माश-48, खरगांव-8, उज्जैन, नं-55, कृष्णा उर्द की उन्नत किस्में है. 

उर्द बोने के 90 से 100 दिन बाद फसल पककर तैयार हो जाती है. 

फरवरी मार्च में बोई गई किस्म की कटाई अप्रैल से मई में करते है. 

भंडारण करते समय 10-12% नमी होनी चाहिए. 

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