टमाटर (Tomato) एक महत्त्वपूर्ण सब्जी फसल है.इसकी खेती पूरे वर्ष की जा सकती है.इसे विलायती बैंगन भी कहते है
टमाटर पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है.इसलिए इसे मुख्य सब्जी फसल कहा जाता है.टमाटर में विटामिन ए व सी की मात्रा अधिक होती है.इसका उपयोग ताजा फल के रूप में तथा उन्हें पका कर डिब्बाबंदी करके अचार,चटनी ,सूप, केचप ,सॉस आदि बनाकर किया जाता है.टमाटर में लाल रंग लाइकोपीन नामक पदार्थ होता है.जिसे प्रमुख एंटिऑक्सीडेंट माना जाता है.
लोकप्रिय किस्मों में पंतनगर टमाटर-1,पूसा सदाबहार,पूसा संकर-1,पूसा संकर-2,अर्का सौरभ,अर्का विकास, अर्का रक्षक,अर्का सम्राट,के० टी०-4,एन० डी० टी०-108 आदि प्रमुख है.
टमाटर (Tomato tree) की एक हेक्टेयर में फसल उगाने के लिए मुक्त परिगत किस्मों का 400 से 500 ग्राम एवं संकर किस्मों का 150 से 200 ग्राम बीज पर्याप्त होता है
टमाटर की सीमित बढवार वाली किस्मों को 60 X 50 सेमी० पर लगाना चाहिए.वही असीमित बढवार वाली किस्मों को 75 X 60 सेमी० पर रोपाई करनी चाहिए
टमाटर की पहली सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद करनी चाहिए.शरद कालीन फसल में आवश्यकतानुसार 10 से 15 दिन के अंतराल पर एवं ग्रीष्मकालीन फसल में 5 से 7 दिन के अंतर पर सिंचाई करते रहे
संकर किस्मों की उपज लगभग 400 से 500 कुंटल प्रति हेक्टेयर और मुक्त परागित किस्मों की लगभग 200 से 250 कुंटल प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है.