आम की कुछ ख़ास जानकारी भाग 2 

आम की दशहरी किस्म एकान्तिरित फलन तथा कुरचना विकार के प्रति सुग्राहय पाई गई है. 

आम की बाम्बें ग्रीन किस्म उत्तर प्रदेश में मालदा के नाम से प्रचलित है. 

आम की अलफांसों निर्यात के लिए उत्कृष्ट किस्म है. इसकी भण्डारण क्षमता सबसे अधिक होती है. 

दक्षिण भारत की आम की अधिकाँश किस्में जैसे -नीलम, तोतापरी, रत्ना, रेडस्माल रूमानी आदि में एकान्तरित फलन की प्रवृत्ति नही पायी जाती है. 

उत्तर भारत की आम्रपाली, मल्लिका, सिन्धु दशहरी, क्लोने-51, संकर किस्में नियमित फलन देती है. अर्थात इसमें एकान्तरित फलन की प्रवृत्ति नही पाई जाती है. 

आम के पेड़ में द्विलिंगी व एक लिंगी नर पुष्प एक ही पेड़ पर पैदा होते है. 

आम के पौधे पर पाए जाने वाले नर व उभयलिंगी फूलों के अनुपात को लिंग अनुपात कहते है. 

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