मूंगफली की कुछ महत्वपूर्ण बातें

मूंगफली स्व-परागित फसल है. लेकिन कुछ जातियों में पर-परागण भी पाया जाता है.

जब तक कि अण्डाशय भूमि में पहुंचकर मिट्टी में भली-भांति दब नहीं जाता उसके चारों ओर एक सुरक्षात्मक खोल के बनने के अलावा और कोई परिवर्तन नहीं होता है.

भूमि में पहुंचकर अंडा से 2-7 सेमी० गहराई तक वृद्धि करता हूं भूमि में अण्डाशय के चारो ओर रोम बनने लगते हैं.

पकने पर एक लंबी स्वतः न फटने वाली फली बनती है. जिसमें 1 से 6 दाने होते हैं.

मूंगफली में 45% तेल, 26% प्रोटीन, 10.2% कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है.

मूंगफली में विटामिन-ई पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है तथा फास्फोरस, कैल्शियम और लौह तत्व पाए जाते हैं

भारत में मूंगफली लाने का श्रेय जेसुफ़ फादर को जाता है. जो वास्को-डि-गामा के बाद भारत की यात्रा पर आए थे.

भारत में मूंगफली का सबसे ज्यादा क्षेत्रफल गुजरात में है. मूंगफली की खली में 7 से 8% नाइट्रोजन पाया जाता है.

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