ज्वार की खेती की कुछ सामान्य जानकारी
भारत में मुख्य रूप से ज्वार की ड्यूरा व गिनी प्रजातियाँ उगाई जाती है.
अमेरिका में काफ़िर - कोडेटम प्रजाति उगाई जाती है.
ज्वार का पुष्पक्रम पेनीकल कहलाता है.
ज्वार के पौधे में झाकड़ा जड़े पायी जाती है.पौधे इन्ही के द्वारा मृदा से पोषक तत्व ग्रहण करते है.
ज्वार प्रोटोगिनी फसल है, क्योकि फूल का मादा अंग नर अंग से पहले परिपक्व होता है.
ज्वार की प्रोटीन में लाइसिन की मात्रा कम तथा ल्यूसिन की मात्रा (7.4 से 17%) अधिक पाई जाती है.
ल्यूसिन की अधिक मात्रा होने के कारण ज्वार खाने वालों को पेलाग्रा नामक रोग हो जाता है.
नाइट्रोजन देने से पौधों में HCN की मात्रा बढती है, क्योकि यह घुलनशील होता है.
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