सोयाबीन की कुछ सामान्य बातें
सोयाबीन का पौधा 1 वर्षीय झाड़ी दार शाक होता है.
सोयाबीन में राइजोबियम जैपोनिकम नामक विषाणु पाया जाता है.
इसमें ग्रंथिकाएं बुवाई के 8 से 10 दिन बाद बनने लगती है.
सोयाबीन द्वारा वायुमंडल से नाइट्रोजन ग्रहण करने का कार्य 15 से 20 दिन बाद प्रारंभ हो जाता है.
सोयाबीन में मुख्य रूप से स्व-परागण होता है, जबकि पर परागण मात्र 0.6-1.0% होता है.
सोयाबीन के बीज में कालापन एन्थोसाइनिन रंग के कारण होता है.
तापमान का सोयाबीन में तेल की मात्रा पर सीधा प्रभाव पड़ता है.
तापमान बढ़ने पर तेल की मात्रा में वृध्दि होती है. तथा तापमान कम होने पर तेल की मात्रा में कमी होती है.
बीज अंकुरण के लिए 15 डिग्री सेल्सियस से 20 डिग्री सेल्सियस तापमान अच्छा रहता है.
सोयाबीन अल्प प्रकाश चाहने वाली फसल है.
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