चने में लगने वाले प्रमुख रोग एवं कीट

चने में  उकठा रोग फ्यूजेरियम आर्थोसेरस नामक कवक द्वारा होता है

उकठा लगे खेत में 3 वर्ष तक फसल नहीं उगानी चाहिए मुख्यता इन खेतों में रोग रोधी किस्में उगानी चाहिए

चने का एस्कोकाइटा अंगमारी रोग नामक कवक से होता है. इस रोग का प्रकोप सबसे अधिक उत्तर पश्चिम भारत में होता है.

स्कलेरोटिनिया अंगमारी नामक रोग स्कलेरोटिनिया स्कलेरोशियोरम कवक द्वारा होता है

भूरी फफूंदी रोग का प्रकोप उत्तर भारत के तराई भागों में सर्वाधिक होता है.

चने का कट वर्म भयंकर कीट है. इस कीट सूडी बहुत नुकसानदायक है. इसकी रोकथाम के लिए 5% एल्ड्रिन बुवाई के समय खेत में मिला देनी चाहिए.

चने की फली छेदक कीट का प्रयोग दाना बनते समय होता है. इसकी सूडी अवस्था बहुत ही हानिकारक होती है

इसकी रोकथाम के लिए एंडोसल्फान 35 ईसी 1.25 लीटर 1000 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए.

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