आइए जानते हैं चने की उन्नत किस्मों एवं अन्य बातों के बारे में 

चने की देसी किस्मों में टाइप-1, टाइप-2,  टाइप-3, राधे,  k-468, k-850, पंत जी-114, एच 208, एच 355, ज़ी 24, जी-130, जी-235, उज्जैन-24, उज्जैन-231, अतुल, अजय, गौरव आदि प्रमुख हैं

काबुली चने की किस्मों में K4 K5 C-104 L-550 L-144 आदि प्रमुख हैं

टॉपिंग की क्रिया जब पौधे 20 सेमी ऊंचे हो जाए तो उनकी शाखाएं तोड़ देने से शाखाएं अधिक निकलती है जिस पर फूल फल अधिक मात्रा में बनते हैं

तराई क्षेत्रों में लाही और चने की मिश्रित खेती अधिक प्रचलित है

चने में खरपतवार नियंत्रण के लिए ट्रिब्यूनल 2.5 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई के समय छिड़काव कर के मृदा में मिलाना चाहिए

चने में स्वपरागण पाया जाता है

एक पौधे पर 55 से 150 तक कलियां पाई जाती हैं

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