शस्य विज्ञान - इसमें विशेषतया फसलों एवं मृदा प्रबंधन का अध्ययन किया जाता है.
पादप रोग विज्ञान - इसके अंतर्गत फसलों में लगने वाले रोग एवं उनकी रोकथाम का अध्ययन किया जाता है
कीट विज्ञान - इसमें फसलों पर लगने वाले कीटों एवं उनकी रोकथाम का अध्ययन किया जाता है.
मृदा विज्ञान - इसमें मृदा सम्बन्धी अध्ययन किया जाता है.
उद्यान विज्ञान - इसके अंतर्गत फलों, सब्जियों व पुष्पों का अध्ययन किया जाता है.
पादप आनुवंशिकी - इसमें पादप प्रजनन व नई प्रजातियों के विकास सम्बन्धी अध्ययन किया जाता है.
पादप दैहिकी - इसके अंतर्गत पौधों में होने वाली दैहिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है.
कृषि अभियंत्रण - इसमें कृषि कार्यों में उपयोग होने वाली मशीनों तथा कल पुर्जों का अध्ययन किया जाता है.
मृदा संरक्षण - इसमें मृदा की उर्वराशक्ति के, मृदा, अपरदन आदि से नष्ट होने से बचाने तथा मृदा की उर्वराशक्ति के वृध्दि के उपायों का गहन अधययन किया जाता है.