आइये जानते है धान के प्रमुख रोग 

सहसामारी रोग 'पायरीलेरिया ओराइजी' नामक कवक द्वारा होता है. रोग रोधी किस्में - IR-8, IR-20, जया.

ब्राउन स्पाट नामक बीमारी हेलामिन्थोस्पोरियम ओराइजो कवक द्वारा होता है. इसके कारण वर्ष 1943 में बंगाल में अकाल पड़ा था. रोगरोधी किस्में-बाला, कृष्ण, IR-24 आदि.

धान में फाल्स स्मट बीमारी क्लेविसेप्स ओराइजी सेटाइवा नामक कवक के द्वारा होता है.

फाल्स स्मट का प्रकोप फूल आने पर होता है.

धान में शीथ ब्लाइट कवक द्वारा होता है. खेत में अधिक नाइट्रोजन डालने पर यह रोग होता है. 

धान का जीवाणु अंगमारी एवं धारी रोग एक जीवाणु जनित रोग है. जोकि 'जैन्थामोनास ओराइजो' द्वारा होता है. रोगरोधी किस्में-रत्ना, IR-20, प्रसाद, गोविन्द, पूसा 2-21 आदि. 

धान का दुग्रो विषाणु रोग वाइरस के द्वारा होता है. इसकी रोगरोधी किस्में-IR-20, रत्ना आदि.

धान में खैरा रोग जिंक की कमी से होता है. इसकी रोकथाम के लिए 5 किग्रा० जिंक सल्फेट, 2.5 किग्रा० चूना 1000 ली० पानी के साथ मिलाकर छिडकाव करना चाहिए. 

जिंक की कमी तराई क्षेत्रों में अधिक पाई जाती है. 

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