आइये जाने बकरी की नस्ल चांगथांगी के बारे में?
इस नस्ल की बकरियां 'पश्मीना' बकरी के नाम से जानी जाती है.
क्योकि इस नस्ल की बकरियों से प्रति बकरी/प्रति वर्ष लगभग 100-300 उत्तम पश्मीना प्राप्त होता है.
इस नस्ल के बाल का ब्यास 12-15 माइक्रोन होता है.
यह नस्ल पश्मीना उत्पादन के अलावा उंचाई पर सामान धोने के उपयोग में लाइ जाती है.
यह प्रजाति लद्दाख एवं हिमाचल प्रदेश की घाटी में क्षेत्रों में पायी जाती है.
बकरियां चियांगथांग क्षेत्र में 12000 से 14000 फीट उंचाई तक पाई जाती है.
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