आइये जाने मालवी गेहूं की बायोफोर्टिफाइड किस्म एच० आई० 8737 के बारे में

मालवी गेहूं की बायोफार्टीफाइड किस्म एच० आई० 8737 को पूसा अनमोल नाम से भी जाना जाता है. 

गेहूं की यह किस्म समय से बुवाई एवं सिंचित क्षेत्रों के लिए विकसित की गयी है. 

गेहूं की इस किस्म को मध्य भारत के मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश में उगाया जा सकता है. 

गेहूं की यह किस्म 115 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है. 

इस किस्म की औसतन उपज 50 से 55 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है. 

गेहूं की यह किस्म रतुआ, करनाल बंट, फ्लेग एवं लूज स्मट रोग के प्रतिरोधी है. 

इसके साथ ही इसमें आयरन 38.5 पी०पी०एम०, जिंक 40 पी०पी०एम०, प्रोटीन 12 एवं यलो पिगमिंट 6 पी०पी०एम से अधिक होता है.  

खेती-किसानी एवं ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए नीचे क्लिक करे