चुकंदर की खेती में सिंचाई 

भारत में चुकंदर की काश्त रबी के सीजन में की जाती है. 

चुकंदर की अच्छी काश्त के लिए सिंचाई की उपयुक्त मात्रा का विशेष महत्व है. 

लेकिन आवश्यकता से अधिक पानी से जड़ों की गुणवत्ता तथा शर्करा प्रतिशत पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. 

चुकंदर की खेती में सिंचाई की कमी से उपज कम हो जाती है. 

पौधे एवं फसल की विभिन्न अवस्था पर भी पानी की उपलब्धता मात्रा का उपज तथा गुणवत्ता दोनों पर ही प्रभाव पड़ता है. 

भारत में चुकंदर की खेती में 7 से 8 सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है. 

हलकी एवं रेतीली भूमि में सिंचाई अधिक होती है. एवं भारी भूमि में तुलनात्मक रूप से कम सिंचाई में भी संतोषजनक उपज प्राप्त हो जाती है. 

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