लोकाट की बागवानी में प्रवर्धन कैसे करे ?

लोकाट में व्यवसायिक विधि से प्रवर्धन शील्ड कलिकायन या इनाचींग के द्वारा की जाती है. 

लोकाट के प्रवर्धन में कभी-कभी सेब-नाशपाती के मूलवृंत का प्रयोग करते है. 

लोकाट के बीजों को सितम्बर-अक्टूबर में बोया जाता है. 

भारत में अधिकतर इनाचींग द्वारा पौधा का प्रवर्धन किया जाता है. 

इनाचींग के लिए फरवरी या सितम्बर-अक्टूबर का समय सर्वोत्तम पाया जाता है. 

पौध रोपण के लिए उचित समय मध्य अगस्त होता है. 

पौधे से पौधे को 7 से 8 मीटर की दूरी पर लगाते है. 

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