वसंत ऋतु में मौन प्रबन्धन कैसे करे ?
बसंत ऋतु मधुमक्खी और मौन पालकों के सबसे अच्छी मानी जाती है.
इस मौसम में सभी स्थानों में पर्याप्त मात्रा में पराग और मकरंद उपलब्ध रहते है.
इस मौसम में मौनों की संख्या दोगुनी तक बढ़ जाती है.
बसंत ऋतु में शहद का उत्पादन भी बढ़ जाता है.
शरद ऋतु समाप्त होने पर धीरे-धीरे मौनगृह की पैकिंग हटा देनी चाहिए.
मौन गृह को खाली कर उनकी अच्छी तरह सफाई कर लेनी चाहिए.
बसंत ऋतु प्रारंभ होने पर मौन वंशों को कृत्रिम भोजन दिया जाना चाहिए.
यदि मौनगृह में मौन की संख्या बढ़ गयी हो तो मोम लगा हुआ अतरिक्त फ्रेम लगा देना चाहिए.
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