खेब की खेती में प्रवर्धन कैसे करे ?
भारत में सेब में प्रवर्धन शील्ड कलिकायन तथा जिह्वा ग्राफ्टिंग विधियों द्वारा किया जाता है.
सेब में कलिकायन जून-सितम्बर माह में, ग्राफ्टिंग फरवरी-मार्च में किया जाता है.
इसके द्वारा तैयार बागवानी के लिए उपयुक्त होते है.
भारत में सबसे अधिक बौने मूलवृन्तों में एम-9 का अधिक प्रयोग किया जाता है.
सेब के बीजों का अंकुरण से पूर्व स्तरीकरण किया जाता है.
सेब के क्लोनल मूलवृंत ठूंठ प्ररोह विधि से तैयार किये जाते है.
रोपण करते समय 10% परागणकर्ता किस्म के पौधे अवश्य लगाने चाहिए.
सेब में बोरोन तथा जिंक की कमी से फल फटने लगते है.
खेती-किसानी एवं ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए
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