अरहर के लिए जलवायु एवं मृदा

अरहर की फसल में 30 से 35 सेंटीग्रेड तापमान अंकुरण के लिए तथा  20 से 25 सेंटीग्रेड तापमान वानस्पतिक वृद्धि के लिए आवश्यक है

भारत के सभी क्षेत्रों में अरहर की खेती मिश्रित फसल के रूप में की जाती है

उत्तर भारत में अरहर की खेती बलुई दोमट मिट्टी में करते हैं जबकि महाराष्ट्र में कपासी मृदा में खेती की जाती है

कपास तथा गन्ने वाले क्षेत्रों में इसे खेत के चारों और किनारों पर उगाया जाता है

इस प्रक्रिया के द्वारा मुख्य फसल को विभिन्न रोगों कीटो तथा जानवर आदि से सुरक्षित रखा जाता है

अरहर के लिए मृदा में चूने की उचित मात्रा अच्छी जल धारण क्षमता तथा मृदा में जल निकास का अच्छा प्रबंध होना चाहिए

अरहर के पौधों की प्रति हेक्टेयर संख्या दो लाख होती है

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