काजू भारत की प्रमुख व्यावसायिक फसल है इसकी खेती करके विदेशी मुद्रा प्राप्त की जा सकती है.
काजू बहुत ही पौष्टिक फल है इसमें लगभग 21 प्रतिशत प्रोटीन,47 प्रतिशत वसा,18 से 20 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट के अलावा प्रचुर मात्रा में खनिज लवण एवं विटामिन पाए जाते है.इसके सेवन से बाल,त्वचा स्वस्थ एवं सुन्दर रहती है.यह कोलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित करता है.
काजू का फल किडनी के आकार का होता है.इसका उत्पत्ति स्थान ब्राजील माना जाता है.काजू उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है.यहाँ पर इसकी खेती लगभग 10 लाख हेक्टेयर में होती है
काजू की उन्नत किस्मों में से प्रमुख अमृता, प्रियंका, भास्कर, घाना, चिंतामणी-1, झारग्राम, बापटला, उलाल, आदि. अगर संकर किस्मों की बात करे तो वेंगुरला-3, वेंगुरला-4, वेंगुरला-5 एवं बापटला-2 एवं बापटला-3 आदि प्रमुख है
काजू के बगीचे में हल्दी, अदरक, ओल, अनानास आदि अंतरवर्त्ती फसल उगाकर अतरिक्त आमदनी की जा सकती है.
काजू के अच्छे प्रबन्धन से खेती करने से इसकी उपज 2.5 से 3.0 टन प्रति हेक्टेयर होती है.पेड़ पर लगे काजू के सभी फल एक साथ नही पकते है