आलू की इस किस्म से मिलेगी अधिक उपज
आलू का उपयोग हमारे देश के रसोइयों में बारहमास किया जाता है. इसीलिए बाजार में आलू की मांग हमेशा बनी रहती है. इसी कारण से हमारे देश के किसान आलू की खेती करते हैं. क्योंकि यह एक मुनाफे वाली खेती साबित होती है.
आलू की सबसे खास बात यह है, कि इसे किसी भी सब्जी के साथ पकाया जा सकता है. इसके अलावा इसकी सब्जी को भी कई तरह से बनाया जाता है. इसी कारण से आलू को सब्जियों का राजा भी कहा जाता है. आज के इस लेख में हम आलू की एक ऐसी किस्म के बारे में बात करने वाले हैं. जिसका सरकार द्वारा भी समर्थन किया जा रहा है. आलू की यह किस्म किसानों को अच्छी उपज के साथ अच्छी आय भी प्रदान करेगी. तो आइए जानते हैं, आलू की इस किस्म (Potato variety) के बारे में पूरी जानकारी-
आलू की इस किस्म से मिलेगा बंपर उपज
किसान भाई आलू की खेती से अधिक उपज लेना चाहते हैं. तो आलू की कुफरी पुखराज (Potato variety ‘Kufri Pukhraj’) किस्म की बुवाई करनी चाहिए. आलू की यह किस्म उत्तर भारतीय किसानों में काफी लोकप्रिय किस्म मानी जाती है. आईसीएआर (ICAR-Indian Council of Agriculture Research) के द्वारा भी आलू की इस किस्म को आलू की खेती की व्यापार की दृष्टि से उपयोगी बताया गया है, क्योंकि आलू की यह किस्म कम अवधि में अधिक आलू उत्पादन के लिए जानी जाती है.
पालक एवं झुलसा रोग रोधी है किस्म
आलू की कुफरी पुखराज की किस्में बीमारियां बहुत कम ही लगती है. इसके अलावा यह ठंड के मौसम में पाला एवं झुलसा रोग लगने की संभावनाएं काफी कम होती है. आलू की किस्म की उपज लगभग 100 दिनों के अंदर तैयार हो जाती है. अगर उपज की बात की जाए. तो एक हेक्टेयर खेत में लगभग 400 कुंटल तक इसकी उपज ली जा सकती है. देश में इस किस्म को उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार, झारखंड, असम, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़, उड़ीसा के कुल आलू उत्पादन में इसका 80% तक का हिस्सा पाया जाता है.
वही अगर पूरे देश की बात की जाए तो 33% हिस्सा आलू की इस किस्म कुफरी पुखराज का रहता है. आपको जानकारी दे दे, कि वर्ष 2021-22 के दौरान वार्षिक आर्थिक अधिशेष में 4729 करोड रुपए होने का अनुमान लगाया गया है.
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आलू है एक नगदी फसल
आलू हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है. इसमें स्टार्च, प्रोटीन, विटामिन सी और खनिज लवण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा किसान भाइयों के लिए आलू और प्रमुख नकदी फसल है. आलू की खेती से अधिक फायदा लेने के लिए संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग, अधिक उपज वाली किस्मों की समय पर बुवाई, समुचित कीटनाशक, उचित जल प्रबंधन से लिया जा सकता है. इस तरह से आलू की खेती में किसानों को अधिक मुनाफा होगा.