Til Farming in India | तिल की खेती में है बम्पर मुनाफा
देश के किसान बहुत बड़े पैमाने पर तिलहन की खेती करते है. क्योकि यह कम समय में अच्छा लाभ देती है. तिलहन में भी तिल की खेती (Til Ki Kheti) देश में सबसे ज्यादा की जाती है. क्योकि तिल के तेल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है. इसलिए बाजार में इसकी मांग भी अधिक रहती है. इसलिए किसान को इसकी खेती में अधिक लाभ मिलता है.
देश में तिल की खेती (Sesame Cultivation) कई राज्यों के किसान करते है. जिसमें से महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और तेलांगाना में तिल की खेती प्रमुख रूप से की जाती है.
तिल की बुवाई कब करे ?
किसान भाई मानसून प्रारंभ होने बाद जुलाई महीने के अंत तक तिल की बुवाई कर सकते है. एक हेक्टेयर तिल की बुवाई के लिए 5 से 6 किलोग्राम बीज की आवश्यकता पड़ती है. तिल की बुवाई से पहले किसान भाई इस बात का ध्यान जरुर रखे खेत में नमी अवश्य होनी चाहिए. अगर नमी न हो तो बुवाई नही करनी चाहिए, अन्यथा फसल का जमाव व विकास सही तरीके से नही होगा. तिल की अच्छी उपज के लिए भूमि का पी० एच० मान 5 से 8 के बीच होना चाहिए. इस दरम्यान फसल में खरपतवार न होने दे. इसके लिए खेत को अच्छी प्रकार तैयार कर ले. फसल की 2 से 3 बार गुड़ाई जरुर करे.
तिल के लिए आवश्यक तापमान
तिल की अच्छी उपज के लिए उच्च तापमान की आवश्यकता पड़ती है. इसकी खेती के लिए 25 से 35 डिग्री तापमान के बीच का तापमान उपयुक्त माना जाता है. अगर तापमान 40 डिग्री हो जाता है तो इसकी खेती में गर्म हवाओं की वजह से तेल की मात्रा कम हो जाती है. वहीँ अगर तापमान 15 डिग्री से नीचे हो जाता है तो भी उपज को हानि पहुंचती है.
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तिल की खेती में लाखों का मुनाफा
तिल की खेती से किसान भाई अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते है. तिल के तेल से कई प्रकार के उत्पाद बनाये जाते है. इसी कारण बाजार के इसके तेल की कीमत काफी बढ़िया रहती है. किसान भाई खुद भी इसका तेल निकाल कर बाजार या बड़ी कम्पनियों को बेचकर लाखों रुपये कमा सकते है. देश की बड़ी कम्पनियाँ किसानों से तिल को अच्छी कीमत पर खरीद लेती है.