Subsidy on agro based industry | कृषि आधारित उद्योग लगाने पर 75 प्रतिशत अनुदान
Subsidy on agro based industry : देश की केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। कि देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ रोजागर भी सृजन हो सके। इसके लिए सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में उद्योग (industry in agriculture) लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसलिए सरकार द्वारा न केवल भारी अनुदान (Subsidy) दिया जा रहा है बल्कि लिए गए लोन (Loan) पर भी ब्याज अनुदान दिया जा रहा है।
प्रोत्साहन की इसी कड़ी मे राजस्थान की राज्य सरकार द्वारा किसानों को कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय (agribusiness) एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति योजना चलाई जा रही है। राज्य सरकार की यह योजना दिसंबर 2019 मे चालू की गई थी। मुख्यमंत्री श्री गहलोथ द्वारा लाई गई इस योजना के अंतर्गत राज्य के किसान अनुदान प्राप्त कर कृषि प्रसंस्करण उद्योग, कोल्ड स्टोरेज, पैक हाउस औऱ मिल्क चिलिंग प्लांट स्थापित कर सकते है। इस नीति के तहत किसानो को 2 करोड़ 60 लाख रुपए तक का अनुदान (Subsidy on agro based industry) दिया जा रहा है।
कौन से उद्योग लगाने पर मिलेगा अनुदान
श्री गहलोथ की सरकार द्वारा चलाई गई फ्लैगशिप योजना के अंतर्गत इच्छुक व्यक्ति फल और सब्जी प्रसंस्करण, मसाला प्रसंस्करण, अनाजों व अन्य उपभोक्ता खाद्य प्रसंस्करण, तिलहन उत्पादन, चावल और आटा मिलिंग, दलहन प्रसंस्करण, हर्बल, औषधीय, फूल और सुगंधित उत्पाद, लघु वन उपज प्रसंस्करण, शहद प्रसंस्करण, गैर खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य जायके और रंग, ओली ओरेजिन्स और मशरूम सहित अन्य प्रकार के कृषि औऱ बागवानी उत्पादों का प्रसंस्करण इकाई स्थापित कर अनुदान का लाभ ले सकते है।
इसके अलावा किसान भाई इसी योजना के अंतर्गत मशरूम उत्पादन बायो–चारा और पेलेट्स में कृषि अपशिष्ट का प्रसंस्करण भी लगा सकते है। वही पशुपालन के त्र में दूध प्रसंस्करण, मांस, मुर्गा एवं मत्स्य प्रसंस्करण, केटल फीड, मुर्गी दाना, फिश मील उत्पाद की प्रसंस्करण इकाइयां लगाकर अनुदान का लाभ ले सकते है। साथ ही ग्रहण एवं प्राथमिक प्रशिक्षण प्रसंस्करण केंद्र, कोल्ड स्टोरेज, फ़ूड इरेडिएशन प्रोसेसिंग प्लांट, कोल्ड चेन, पैक हाउस, फूड पार्क एवं एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर्स की इकाइयाँ, रिफर वैन का निर्माण मे योजना का लाभ उठा सकते है।
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कृषि आधारित उद्योग उद्योग लगाने पर कितना अनुदान (Subsidy on agro based industry)
राज्य मे इस प्रोत्साहन नीति के तहत कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिए 2 करोड़ 90 लाख रूपये तक की अनुदान दिया जाता है। कृषि एवं उधानिकी विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी के अनुसार योजना के तहत 5 करोड़ रूपये तक की पूंजीगत लागत से नवीन कृषि प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना के लिए किसान या उनके संगठन, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए लागत का 75 प्रतिशत या अधिकतम 1 करोड़ 50 लाख रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। साथ ही अन्य पात्र उद्यमियों को लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ 50 लाख रूपये तक का अनुदान का लाभ दिया जा रहा है।
लिए गए लोन के ब्याज पर भी सरकार द्वारा अनुदान
यदि राज्य सरकार की योजना (government plan) के अंतर्गत लाभार्थी व्यक्ति को प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने पर किसानों को पूंजीगत अनुदान के अतिरिक्त ऋण पर ब्याज अनुदान भी दे रही है। जिसमें किसानों को 6 प्रतिशत की दर से अधिकतम एक करोड़ रुपये तक का ब्याज (Interest) अनुदान दिया जाता है। वहीं अन्य को 5 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाता है।
उद्योग स्थापना के बाद भी सरकार का साथ
किसानों को प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के बाद भी सरकार द्वारा व्यापार के संचालन तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में सहूलियत के लिए राज्य के उत्पादन की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन का प्रावधान भी किया गया है। इसके लिए प्रोत्साहन के तौर पर राज्य सरकार द्वारा विद्युत प्रभार पर 5 साल तक 2 लाख रुपये प्रति वर्ष देने का प्रावधान किया है।
इसके अलावा सरकार द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने पर 10 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है तथा सामग्री के पेटेंट तथा डिजाइन के पंजीकरण के लिए प्रतिवर्ष अधिकतम 2 लाख रुपये का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। साथ ही गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रत्येक प्रमाणन पर 2 लाख रुपये का प्रमाणन अनुदान भी देय हैं।
राज्य सरकार द्वारा कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए प्रतिवर्ष अधिकतम 25 लाख रुपए प्रति संस्थान दिये जाने का प्रावधान भी योजना के तहत किया गया है। इसके अलावा परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए अधिकतम 5 लाख रुपये का प्रावधान तथा शोध एवं विकास के लिए प्रतिवर्ष अधिकतम 20 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।
निर्यात मे भी सरकार की सहायता
राज्य सरकार द्वारा किसानों को निर्यात मे भी सहायता दी जा रही है। इसके लिए किसानों को ताजा फल, सब्जी तथा फूलों के निर्यात पर 3 वर्ष तक अधिकतम 10 लाख रूपये का भाड़ा अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा अजैविक रूप से प्रमाणित उत्पादों के निर्यात पर 5 वर्ष तक अधिकतम 20 लाख रुपए का भाड़ा अनुदान दिया जाएगा।
राज्य मे अब तक इतनी प्रसंस्करण इकाईयों लाभ
राज्य सरकार की इस अनुदान योजना के तहत अभी तक 1 हजार 103 इकाइयों के लिए 399 करोड़ 87 लाख रुपये का अनुदान मिल चुका है। इन इकाइयों के माध्यम से राज्य में 2 हजार 589 करोड़ 21 लाख रुपए का निवेश हुआ है। कुल इकाइयों में से 280 इकाइयों के लिए महिलाओं वर्ग को 103 करोड़ 28 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। इसी प्रकार 260 इकाइयां कृषक वर्ग द्वारा स्थापित की गई हैं, जिसमें 85 करोड़ 13 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। नीति के तहत ब्याज, परिवहन, विद्युत और सौर ऊर्जा संयंत्र पर 87 प्रसंस्करण इकाइयों को 4 करोड़ 26 लाख रुपये का अनुदान देकर लाभान्वित किया गया है।
इन स्वीकृत प्रकरणों में 341 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट (infrastructure project) स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 330 वेयरहाउस, 9 कोल्ड स्टोरेज और 2 पैक हाउस सम्मिलित हैं। साथ ही 762 प्रोसेसिंग यूनिट इकाई स्थापित की गई हैं, जिसमें तिलहन प्रसंस्करण की 169 इकाइयां, दाल की 76, मसाला की 70, कपास की 66, मूंगफली की 60, अनाज की 52, ग्रेडिंग सोर्टिंग कि 33, फल सब्जी की 32, पशु आहार की 30, दुग्ध प्रसंस्करण की 69, ग्वार की 15, प्याज–लहसुन की 7, चावल की 11 एवं अन्य विविध इकाइयों की 72 प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की गई हैं।
प्रसंस्करण इकाई स्थापना पर अनुदान के लिए यहाँ करे आवेदन
किसान भाई प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए ऑनलाइन आवेदन (Online Application) की सुविधा–किसान और उद्यमी योजना (Entrepreneur Scheme) के तहत प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए राज किसान साथी पोर्टल https://rajkisan.rajasthan.gov.in/ पर आवश्यक दस्तावेजों (required documents) के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना की अधिक जानकारी के लिए अपने ब्लॉक या ज़िले के उद्यान विभाग कार्यालय में संपर्क करें।