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सरकार धान की फसल पर दे रही है 4 हजार का अनुदान, जानिए कब तक करे आवेदन | Subsidy For Paddy Farmers

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धान की फसल पर चार हजार का अनुदान 

धान की फसल पर चार हजार का अनुदान

देश में भारी गर्मी हो रही है. जबकि कई स्थान सूखे की मार झेल रहे है. जिसके कारण कई राज्यों का भू जल स्तर लगातार गिर रहा है. ऐसे में खर्फ़ फसलों की बुवाई में किसानों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.

इसलिए इस स्थिति को देखते हुए हरियाणा सरकार द्वारा धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान का फैसला लिए है. जिससे किसान भाई धान की बिजाई कर अच्छी उपज प्राप्त कर सके.

प्रति एकड़ चार हजार एवं 40 हजार मशीन पर अनुदान 

खरीफ फसलों की बुवाई का समय करीब में है. ऐसे किसान खेत की तैयारी में व्यस्त है. जिससे फसल की अच्छी पैदावार ले सके. ऐसे में हरियाणा सरकार भी किसानों को धान की सीधी बिजाई के लिए प्रोत्साहन दे रही है. इसके लिए सरकार किसानों को धान की सीधी बिजाई करने के लिए 4000 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान देने का फैसला किया है. इसके अलावा सरकार ने डीसीआर मशीन पर भी 40 हजार का अनुदान दे रही है.

हरियाणा सरकार द्वारा इससे पहले भी धान की सीधी बिजाई के लिये अनुदान राशि देती रही है. सरकार द्वारा पिछली यह राशि लगभग 5000 रुपये के आसपास दी गयी थी. जिसको इस बार घटा कर 4000 हजार रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया है.

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अनुदान योजना के लिए कब और कहाँ करे आवेदन 

इस अनुदान योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान भाई मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 30 जून तक ऑनलाइन आवेदन कर इसका लाभ उठा सकते है. पोर्टल पर आवेदन करने के बाद कृषि आधिकारियों और पटवारी द्वारा बुवाई की समीक्षा कर किसानों को इस योजना का लाभ दिया जाता है. किसानों को अनुदान की राशि डीबीटी के माध्यम से बैंक में सीधे भेज दी जाती है.

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इस राज्य की सरकार भी धान की सीधी बिजाई पर कर रही है आर्थिक मदद 

हरियाणा सरकार के अलावा पंजाब सरकार भी धान की सीधी बुवाई के लिए प्रोत्साहन राशि दे रही है. पंजाब सरकार किसानों को 1500 रुपये प्रति एकड़ की आर्थिक अनुदान दे रही है, अगर विशेषज्ञों की माने तो धान की सीधी बुवाई करने पर 25 से 30 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है. इस तरह से किसानों का समय भी बचेगा और फसल में लगत भी कम आयेगी. जिससे वह अधिक लाभ ले पायेगें.

यहाँ पर आपको यह जानकारी भी बता दे कि धान की बिजाई दो प्रकार से की जाती है. पहले तरीके में धान की नर्सरी तेयार की जाती है. इस तरीके में धान की बुवाई के लिए अधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है. दूसरे तरीके में किसान धान के बीज को सीधे खेत में छिडकाव करके या सीड ड्रिल यानि डीसीआर मशीनों से बुवाई की जाती है.

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