किसान भाई इस बार रहे सचेत क्योकि बढ़ते हुए तापमान के कारण हो सकता है फसलों में भारी नुकासन, इस तरह करे बचाव

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Protecting crops rising temperatures
बढ़ाते तापमान से गेहूं और चने की फसल को कैसे बचाए

बढ़ाते तापमान से गेहूं और चने की फसल को कैसे बचाए किसान 

फरवरी के इस महीने में तापमान में आई अचानक वृध्दि से किसान भाई के साथ-साथ कृषि विभाग भी काफी चिंतित है. क्योकि इस बार देश में रबी फसलों की बुआई का रकबा बढ़ने से विभिन्न फसलों के रिकार्ड उत्पादन का अनुमान कृषि विभाग द्वारा लगाया गया था. लेकिन बढ़ते तापमान के कारण इसमें अधिक गिरावट आ सकती है. वही इस समय गेहूं की फसल के अच्छे उत्पादन के लिए दिन का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के आस-पास होना चाहिए. लेकिन इस समय कई स्थानों पर दिन का तापमान बढ़कर 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर एवं रात का तापमान 10 से 15 के आस-पास पहुँच गया है. 

तापमान की आकस्मिक वृध्दि के कारन इस बार गेहूं की उपज में भारी गिरावट की सम्भावना वक्त की जा रही है. क्योकि तापमान वृध्दि के कारन गेहूं की फसलों को नुकसान पहुँच सकता है. इस लिए राजस्थान राज्य के श्रीगंगानगर के कृषि विभाग ने इस स्थिति को देखते हुए किसानों को बढ़ते तापमान से अपनी फसलों का बचाव कैसे करे. इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किये है. 

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गेहूं की फसल पर करे यह छिडकाव 

श्रीगंगानगर के कृषि विभाग द्वारा जारी किये गए दिशा-निर्देशों में ये बताया गया है कि बढ़ते तापमान के कारन गेहूं की फसल में बीज भराव व बीज निर्माण की प्रक्रिया में नुकसान पहुँच सकता है. इसलिए यही स्थति कुछ और दिनों तक बने रहने की स्थिति में किसान भाई गेहूं की अपनी फसलों के बचाव के लिए सिंचाई पानी उपलब्धता होने पर फसलों की आवश्यकतानुसार सिंचाई करे.

किसान भाई बढ़ते तापमान से अपनी गेहूं की फसलों में इसके प्रभाव से बचाने के लिए बीज भराव एवं बीज निर्माण की अवस्था पर  सीलिसिक अम्ल (15 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी) के विलियन अथवा सीलिसिक अम्ल (10 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी +  25 ग्राम 100 लीटर पानी) का परणीय छिड़काव (फॉलियर स्प्रे) करना चाहिए. सीलिसिक अम्ल का पहला छिड़काव झंडा पत्ती अवस्था व दूसरा छिड़काव दूधिया अवस्था पर करने से काफी लाभ मिलेगा. सीलिसिक अम्ल गेंहू को प्रतिकूल परिस्थितियों में लड़ने की शक्ति प्रदान करता है व निर्धारित समय पूर्व पकने नहीं देता, जिससे की उत्पादन में गिरावट नहीं होगी.

फसलों पर नही पडेगा तापमान बढ़ने का प्रभाव 

इसके लिए किसान भाई गेहूं की फसलों में बाली आते समय एस्कार्बिक अम्ल के 10 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी घोल का छिड़काव करने से फसल पकते समय सामान्य से अधिक तापमान होने पर भी इसकी उपज में नुकसान नहीं पहुंचेगा. इसके अलावा किसान भाई गेहूं की फसल में बूटलीफ एवं एंथेसिस अवस्था पर पोटेशियम नाइट्रेट (13.0.45) के 2 प्रतिशत घोल का छिड़काव करन चाहिए. गेहूं की पछेती बोई फसल में पोटेशियम नाइट्रेट 13.0.45, चिलेटेड जिंक, चिलेटेड मैंगनीज का छिडकाव भी लाभप्रद होता है. 

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अधिक तापमान से चने की फसल को कैसे बचाए किसान 

चने की फसल को तापमान वृध्दि से बचाने के लिए कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. जीआर मटोरिया ने बताया कि चने में फसल को पकाव के समय पोटेशियम नाइट्रेट (13.0.45) 1 किलोग्राम का 100 लीटर पानी में घोल बनाकर फसल की फूल वाली अवस्था और फली वाली अवस्था पर परणीय छिड़काव करना चाहिए. साथ ही कृषि अनुसंधान अधिकारी श्री जगजीत सिंह के द्वारा बताया गया कि सीलिसिक अम्ल का छिड़काव करने से तापक्रम में होने वाली वृद्धि से नुकसान की आशंका कम हो जाएगी व उत्पादन में वृद्धि होगी.

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