Mustard in Mahu – सरसों की फसल को माहूँ कीट से कैसे बचाएं ?
किसान भाई के इस रबी सीजन में कई मुख्य फसलों की खेती करते हैं. सरसों की खेती को रबी की फसलों में मुख्य फसल (Mustard Cultivation) माना जाता है. ऐसे में कई राज्यों के कई इलाकों में सरसों की खेती (Mustard Cultivation) करने वाले किसान भाईयों के सामने एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है.
असल बात, इन दिनों खराब मौसम के चलते किसानों की सरसों की फसल में माहू कीट (Mahu pest) का प्रकोप प्रारंभ हो गया है. इससे किसान भाई काफी परेशान हो रहे हैं. देश के कई राज्यों में सरसों की फसल लहलहा रही है, लेकिन अच्छी पैदावार को लेकर आशान्वित किसान भाईयों की इस कीट ने परेशानियों बढ़ा दी है. अगर समय रहते इस कीट के प्रकोप को खत्म नहीं किया गया, तो फसल के उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ेगा. इसलिए गाँव किसान (GAON KISAN) आज अपने इस लेख में माहूँ कीट से सरसों (Mustard in Mahu) की फसल के बाचाव की पूरी जानकारी देगा.
माहू कीट की पहचान (what is mahu insect)
सरसों की फसल का यह कीट भूरे व काले रंग का होता हैं, जिनका आकार बहुत छोटा होता है. इन कीटों की लंबाई एक से डेढ़ मिलीमीटर तक होती है. यह कीट कोमल पत्तियों और फूलों का रस चूस लेता हैं. इससे प्रभावित फसलों पर फली नहीं बन पाती है. इसी कारण फसल का उत्पादन भी काफी कम हो जाता है और फसल की उपज को लगभग 25 से 40 प्रतिशत तक का नुकासन हो जाता है. यह कीट तरल और चिपचिपा पदार्थ निकालता है, जिससे प्रभावित जगह पर काली रंग की फफूंदी जम जाती है. और फसल पर कालापन दिखाई देने लगता है और पौधे के फूल कमजोर हो जाते हैं. इससे फसल के पौधों का विकास सही से नहीं हो पाता है. और दाने छोटे हो जाते हैं. जिससे तेल भी कम निकलता है. और किसान भाइयों को नुकसान उठाना पड़ता है.
माहू कीट को ऐसे करे काबू (Protection from Mahu insect)
ज्यादतर किसान भाई सरसों की फसल को माहू कीट से बचाने के लिए रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं. इससे मधुमक्खियों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. साथ ही फूल से फली बनने की प्रक्रिया रुक जाती है, जिससे फसल के उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ता है. ऐसे में किसान भाईयों को जैव कीटनाशी का उपयोग करना चाहिए. यह सरसों की फसल के लिए अधिक उपयोगी होता है. इससे न सिर्फ माहू कीट की रोकथाम की जा सकती है, बल्कि किसान के मित्र कीटों पर भी इसका बुरा प्रभाव नहीं होगा.
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बचाव के अन्य तरीके (Other defense)
- माहू कीट के जैविक नियंत्रण के लिए 2 प्रतिशत नीम के तेल स्प्रे करना चाहिए हैं.
- इसके अलावा किसान भाई वर्टिसीलियम लेकानी जैव कारक का छिड़काव कर लेना चाहिए.
- किसान भाई छिड़काव हमेशा दोपहर के बाद शाम को ही करना चाहिए.
- इस कीट के नियंत्रण के लिए 1 लीटर पानी प्रति हेक्टेयर की दर से मेलाथियान 50 ईसी या डाईमिथोएट का छिड़काव करें.
- इस कीट रोकथाम के लिए किसान भाई प्रति एकड़ खेत में 5 से 6 पीली स्टिकी ट्रैप लगा सकते है.