Kisan Rakhi : किसानों के लिए इस बार राखी का त्यौहार होगा खास, भाइयों के कलाई पर बधेंगी धान से बनी राखी

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Kisan Rakhi
बाजार में आई धान से बनी राखी 

Kisan Rakhi | बाजार में आई धान से बनी राखी 

kisan Rakhi : देश इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार अगस्त माह के आखिरी सप्ताह 31 अगस्त को मनाया जायेगा. और इस त्यौहार को ले कर सभी उत्साहित है. लेकिन इस बार का त्यौहार किसानों के लिए कुछ खास होने वाला है. क्योकि इस बार इस रखाबंधन के त्यौहार पर देश की बहने अपने भाइयों की कलाई पर धान की बनी राखी बाँध सकेगीं.

धान से निर्मित इस राखी को बनाया है छत्तीस गढ़ की एक बेटी ने.वैसे भी छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. यहाँ के जांजगीर जिले में सबसे अधिक धान की खेती की जाती है. इसी जिले की बेटी नन्दनी बघेल द्वारा नई सोच के साथ धान से राखी बनाई है. जिसको लोगो द्वारा खूब सराहा जा रहा है. नंदनी का कहना है यदि लोगो को इस साल लोगो राखियाँ पसंद की तो अगले साल और अधिक मात्रा में राखियाँ बनाएगी.

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एक राखी की इतनी है कीमत 

नंदनी द्वारा यह बताया गया कि धान से राखी तैयार करने में काफी मेहनत और समय लगी. इसके लिए उन्होंने बाजार से केवल सिर्फ रिबन और रंगने के लिए रंग ही ख़रीदा. इसलिए उन्होंने बाजार में एक राखी की कीमत 50 रुपये रखी है. धान से पहली बार 500 राखी ही बनाई गई हैं.

नंदनी को गुरु से मिली राखी बनाने की प्रेरणा 

नंदनी द्वारा यह जानकारी मिली है कि धान की राखी बनाने की प्रेरणा उनको अपने शिक्षक चूड़ामणि से मिली है. नंदनी ने कहा कि स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है. लोगों को यह पसंद आया तो आगे आने वाले समय में भी उनका काम जारी रहेगा.नंदनी PGDCA की पढ़ाई कर रही है. उनके पिता अनंदराम बघेल और उनकी माता एवं भाई बहन उनको इस कार्य के लिए हमेशा प्रोत्साहित करते हैं.

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राखी को दिया यह नाम (kisan Rakhi)

नंदनी बघेल ने बताया कि धान से राखी बनाने में बहुत मेहनत लगती है. एक राखी बनाने में करीबन आधा घंटा से अधिक समय लगता है जबकि इतने समय में दूसरी राखियां पांच से अधिक बनाई जा सकती है. धान से बनी राखियों को किसान राखी का नाम दिया गया है. जिसे लुभाने वाली पैकिंग के साथ बाजार में बेचने के लिए लाया जाएगा.

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