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Hare Pyaz ki Kheti : हरे प्याज की खेती से किसानों को मिलता है अधिक लाभ, आइए जानते हैं इसके व्यापारिक महत्व के बारे में

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हरे प्याज की खेती

हरे प्याज की खेती (Hare Pyaz ki Kheti) एवं इसका व्यापारी महत्त्व

देश के किसान प्याज की खेती (Pyaz ki kheti) काफी बड़े स्तर पर करते हैं. लेकिन हरे प्याज की खेती (Hare Pyaz ki Kheti) देश के कुछ ही किसान करते हैं. इसकी खेती कर किसान भाई काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं. हरा प्याज को कन्दीय फल भी कहा जाता है. जो देखने में बिल्कुल लहसुन के पौधे की तरह होता है. इसके पौधे की पत्तियां सीधी और नुकीली पाई जाती हैं.

हरे प्याज (Green Onion) को ज्यादातर सलाद और सब्जी (Sabzi) बनाने एवं अचार बनाने में भी किया जाता है. इसके अलावा शाकाहारी और मांसाहारी भोजन में भी इसका उपयोग किया जाता है. हरे प्याज (Green Onion Cultivation) को भारत के प्रमुख राज्य जैसे कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में किसान भाई उगाते हैं. तो आइए आपको बताते हैं हरे प्याज की खेती के बारे में और इसके व्यापारिक महत्व (Commercial importance)  के बारे में पूरी जानकारी-

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हरे प्याज की खेती के लिए भूमि

हरे प्याज की खेती के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी काफी उपयोगी होती है. किसान भाई खेत तैयार करने के लिए सबसे पहले तीन से चार जुताई ट्रैक्टर या बैलों के हल से कर ले. जिससे कि खेत की भूमि बिलकुल भुरभुरी हो जाए और उसमें ढेला बिल्कुल भी ना बचे. इसके अलावा खेत की भूमि में गोबर की सड़ी हुई खाद आखरी की जुताई के समय डाले. साथ ही भूमि की उर्वरता बढ़ाने के लिए पोटाश और फ़ॉस्फोरस और नाइट्रोजन का अच्छे से छिड़काव करना चाहिए.

हरे प्याज की बुवाई एवं सिंचाई कैसे करें

किसान भाइयों के लिए हरे प्याज की बुवाई का सबसे उचित समय सितंबर से नवंबर माह के दरमियान होता है. इसकी खेती के लिए पौधों को हमेशा क्यारियों में बोना चाहिए तथा इनके बीच की दूरी दो से 3 मिलीमीटर रखनी चाहिए.

हरे प्याज की रोपाई के बाद पहली सिंचाई 9 से 10 दिन के बाद होनी चाहिए.हरे प्याज के पौधे पूरी तरह तैयार होने में इसकी फसल को लगभग 10 से 15 बार सिंचाई की जरूरत होती है.

हरे प्याज की फसल सुरक्षा

किसान भाई हरे प्याज की खेती में फसल सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होती है. क्योंकि इसकी फसलों की जड़े काफी पतली होती है. जिसे कीड़े मकोड़े या खरपतवार प्रभावित करते हैं. किसी ने इसकी जड़ों को खरपतवार और कीड़ों से बचाने के लिए  ऑक्सीफ्लोरफेन दवा का छिड़काव करना जरूरी होता है. इसके अलावा समय-समय पर असल की निराई-गुड़ाई करनी चाहिए. जिसमें 1 महीने के भीतर पहली निराई-गुड़ाई करने अन्यथा पौधों की जड़ें कमजोर हो जाएंगी और फसल को नुकसान पहुंचेगा.

उपज कटाई कब करें

इसकी फसल की कटाई तब की जाए, जब हरे प्याज का तना तीन से चार सेंटीमीटर मोटा हो जाता है. इसके पौधे को जमीन से उखाड़ा जाता है. इसके एक पौधे से कम से कम 130 से डेढ़ सौ ग्राम तक की उपज मिल जाती है. वहीं अगर प्रति हेक्टेयर की बात की जाए तो लगभग 500 से 600 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक इसकी उपज किसानों को मिल जाएगी.

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हरे प्याज के व्यापारिक महत्व

किसान भाई अगर हरे प्याज की खेती करना चाहते हैं. तो इसके व्यापार के लिए आपको शुरुआत के एक से दो साल में थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. उसके बाद आपको अच्छा लाभ मिल सकेगा. क्योंकि हरे प्याज की बाजार में काफी मांग है क्योंकि इसका उपयोग शादी, पार्टी, रेस्टोरेंट, होटल में काफी किया जा रहा है. इसीलिए आप संपर्क करके उस की पैदावार की उपज को सीधे बेच सकते हैं और बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. इसके अलावा भारतीय बाजार में भी हरे प्याज की काफी मांग है. आप अपनी लोकल बाजार में जाकर पता कर ले. उसके बाद इसकी बुवाई करें, तो आपको अच्छा फायदा प्राप्त होगा.

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