देसी गाय खरीदने के लिए अनुदान | Grant to buy indigenous cow
देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए समय-समय सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाओं की शुरुवात की जाती रही है. जिससे किसान भाई कम लागत में अधिक उपज के साथ-साथ जहरीले रसायन के उपयोग से बच सके. इसी कड़ी में हरियाणा सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढाने के लिए बड़ा ऐलान किया गया है. सरकार द्वारा देसी गाय ख़रीदे के लिए किसानों को 25 हजार रूपये का अनुदान दिया जाएगा. इसके साथ ही प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत का घोल तैयार करने के लिए किसानों को चार बड़े ड्रम भी दिए जायेगें. इस तरह का ऐलान करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है.
हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल में स्थिति डॉ० मंगलसैन ऑडोटोरियम हॉल में प्राकृतिक खेती पर आयोजित राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. वही पर उन्होंने बताया देसी गाय की खरीद पर किसानों को 25 हजार तक का अनुदान दिया जायेगा. ऑडोटोरियम हॉल में मुख्यमंत्री ने 20 से 22 कृषि विशेषज्ञों से सीधा संवाद करने के साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कुछ निर्देश भी दिए.
‘खाद्यान ही औषधि’ की धारणा
मुख्यमंत्री द्वारा इस बैठक में कहा गया कि अब प्रगतिशील किसानों को प्रकृतिशील किसानों के नाम से जाना जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि अपनी मर्जी से प्राकृतिक खेती अपनाने वाले 2 से 5 एकड़ जमीन वाले किसानों को देसी गाय खरीदने पर 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जायेगा. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती का मूल उद्देश्य खान-पान को बदलना है, इसके लिए हमें ‘खाद्यान ही औषधि’ की धारणा को अपनाना होगा.
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स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए पंजीकरण
श्री खट्टर द्वारा यह भी बताया गया कि सिक्किम देश पहला राज्य है जो पूरी तरह प्राकृतिक खेती पर आ गया है. इस राज्य के अलावा हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सरकारे भी प्राकृतिक खेती पर काफी कार्य कर रही है. लेकिन अब इसी कड़ी में हरियाणा सरकार द्वारा नई पहल करते हुए देसी गाय की खरीद पर अनुदान देने का कार्य करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा, उन्हें खुशी है कि किसान अब प्राकृतिक खेती को समझने लगे हैं और कृषि विभाग द्वारा बनाए गए पोर्टल पर अब तक प्रदेश के 1253 किसानों ने स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए पंजीकरण करवाया है.
प्राकृतिक खेती के उत्पादों की पैकिंग सीधे किसान के खेतों
मुख्यमंत्री श्री खट्टर ने कहा कि 60 के दशक में जब देश में खाद्यानों की कमी हो गयी थी. तब हरित क्रांति का आह्वान किया गया था. जिसके चलते खेतों में अधिक अनाज उपजाने के लिए लिए अंधाधुंध रासायनिक खादों का उपयोग किया गया और देश में अनाज के उत्पादन की कमी नही रही. लेकिन अब रासायनिक खादों के प्रयोग से खेत और फसल भी जहरीले हो गए है.
सीएम खट्टर ने यह भी कहा कि प्राकृतिक खेती के उत्पादों की पैकिंग सीधे किसान के खेतों से ही हो, ऐसी योजना भी तैयार की जाएगी जिससे बाजार में ग्राहकों को इस बात की शंका ना रहे कि यह प्राकृतिक खेती का उत्पाद है या नहीं.