कसावा की खेती से अच्छा मुनाफा
देश के ज्यादातर किसान भाई परंपरागत फसलों को छोड़कर ज्यादा फायदे वाली नए जमाने की फसलों की खेती करना पसंद कर रहे हैं. जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो रही है. और लागत भी कम लग रही है. इन नई फसलों की खेती वैज्ञानिक तरीके से की जाए तो अधिक मुनाफा मिलता है.
नए जमाने की खेती में से एक है कसावा की खेती (Cassava cultivation). किसान भाई कसावा की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसीलिए इसकी खेती किसानों के बीच काफी तेजी से लोकप्रिय होती जा रही है. तो आइए जानते हैं कसावा की खेती के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां. जिससे किसान भाई इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमा पाएं-
कसावा से बनता है साबूदाना
कसावा को बागवानी फसलों में रखा गया है. इसमें लगने वाला फल स्टार्च से भरपूर होता है. इसीलिए कसावा का इस्तेमाल साबूदाने को बनाने में होता है. फिलहाल कसावा की खेती देश के दक्षिणी हिस्से में ज्यादा की जाती है.
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देखने में शकरकंद जैसा होता है
कसावा के फल का आकार बिल्कुल शकरकंद जैसा होता है. अगर आप के सामने शकरकंद और कसावा एक साथ रख दिया जाए. तो आप दोनों के बीच अंतर नहीं कर पाएंगे. यह बिल्कुल एक जैसे दिखते हैं. इसके फल में स्टार्च भरपूर मात्रा में मिलता है. इसके अलावा इसके फल की लंबाई बहुत अधिक नहीं होती है.
पशु चारे में किया जाता है प्रयोग
कसावा को साबूदाने बनाने के अलावा इसका इस्तेमाल पशु चारे के लिए भी किया जाता है. कृषि वैज्ञानिकों की माने तो कसावा के सेवन से पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता अधिक हो जाती है. साथ ही पशु के सेहत पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है. जिससे पशु स्वस्थ रहता है.
कसावा की खेती की खास बातें
किसान भाई कसावा की खेती लगभग सभी प्रकार की जलवायु में कर सकते हैं. साथ ही यह हर तरह की मिट्टी में उगाया भी जा सकता है. किसान भाई इसकी खेती में इस बात का ध्यान रखें, जलभराव वाले खेत में इसकी खेती ना करें, नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसलिए रोपाई वाले खेत में जल निकास की उचित व्यवस्था होनी बहुत ही आवश्यक है. आप को जानकारी देते चले, कसावा की खेती कंद वाली फसलों की तरह खेत में इसकी जड़ों की रोपाई करके की जाती है.
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इसकी खेती से किसानों को होगा अच्छा मुनाफा
कसावा की खेती में किसानों को कभी नुकसान नहीं उठाना पड़ता है. क्योंकि कृषि विशेषज्ञों के अनुसार देश मे साबूदाने का सेवन व्यापक स्तर पर होता है. इसी कारण इसकी खेती से किसानों को काफी फायदा होता है. इसके अलावा किसान भाई साबूदाना बनाने वाली कंपनियों के साथ जुड़कर इसकी फसल की कांट्रैक्ट फार्मिंग भी कर सकते हैं. साथ ही साबूदाने का निर्यात दूसरे देशों में भी बड़े पैमाने पर किया जाता है. इसीलिए इसकी खेती किसानों के लिए एक लाभ का सौदा साबित हो सकती है.