बकरी की बीटल नस्ल किसानों को करेगी मालामाल, आइए जाने कैसे करेंगे बीटल नस्ल की पहचान ?

0
goat beetle breed
बकरी की बीटल नस्ल की पूरी जानकारी 

बकरी की बीटल नस्ल की पूरी जानकारी 

पूरे विश्व में बकरियों की लगभग 102 नस्लें पाई जाती हैं. जिसमें से भारत वर्ष में करीब 26 प्रजातियां पाई जाती हैं इन्हीं में से बकरी की एक नस्ल बीटल है.

बीटल बकरी एक देसी प्रजाति की घरेलू बकरी है. जिसको लाहौरी बकरी भी कहा जाता है. किसान भाई बीटल नस्ल की बकरी का पालन करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं तो आइए इस लेख के जरिए जानते हैं बीटल नस्ल के बारे में पूरी जानकारी-

यह भी पढ़े : दिवाली के बाद भी किसानों के खाते में आ सकते हैं ₹2000 जानिए पूरी खबर क्या है?

बकरी की बीटल नस्ल

बीटल नस्ल की बकरियां मुख्य रूप से पंजाब राज्य के गुरदासपुर जिले के बटाला अनुमंडल में पाई जाती हैं. भारत के अलावा पाकिस्तान में भी काफी संख्या में यह पाई जाती हैं.

इस बीटल नस्ल की बकरियों का पालन मुख्य रूप से दूध उद्योग और मांस उद्योग के लिए किया जाता है. इसके अलावा बीटल नस्ल के बकरे का प्रयोग अन्य  मध्यम एवं छोटे आकार की बकरियों में नस्ल सुधार हेतु किया जा रहा है.

बकरी की यह नस्ल देखने में बिल्कुल जमुनापारी नस्ल की बकरियों की तरह होती हैं. लेकिन ऊंचाई और वजन की तुलना में कुछ छोटी होती हैं. बीटल बकरियों का रंग काला तथा कभी-कभी लाल होता है इसके कान लंबे चौड़े एवं लटकते रहते हैं कान की लंबाई भी जमुनापारी नस्ल की तुलना में कम होती है.

बीटल नस्ल की बकरियों की नाक जमुनापारी की तुलना में कम उभरी हुई होती है. सींग बाहर एवं पीछे की तरफ घुमा हुआ होता है. इसका शरीर गठीला एवं बेलनाकार होता है. जांघ पर कम बाल पाए जाते हैं.

बीटल बकरी की खास बातें

बीटल नस्ल की बकरियां मांस के साथ-साथ दूध उत्पादन के लिए एकदम उपयुक्त होती हैं. इस नस्ल की बकरियां प्रतिदिन 1 से 2 किलोग्राम दूध दे देती हैं.

इस नस्ल की बकरियां अपनी उम्र के लगभग 2 वर्ष में पहला गर्भ धारण करती हैं. यह साल में एक बार बच्चा देती हैं. एवं प्रायः एक ही बच्चे को जन्म देती हैं. बच्चे का वजन जन्म के समय 1.5 से 3.0 किलोग्राम तक होता है.

एक बीटल बकरे का वजन लगभग 50 से 70 किलो के बीच पाया जाता है जबकि 1 बकरी 40 से 60 किलो के बीच वजन की होती है.

बीटल नस्ल की बकरी की सबसे खास बात यह होती है यह किसी भी वातावरण एवं जलवायु में अपने आपको आसानी से ढाल लेती है इसलिए यह सभी तरह के जलवायु के लिए उपयुक्त है.

बीटल नस्ल की बकरी का रहन सहन

बीटल नस्ल उचित देखरेख व रहन-सहन करने से बकरी को अच्छी तरह से पाला जा सकता है यह जल्दी तैयार हो जाएगी और बकरी पालन से अधिक मुनाफा होगा-

  • इस नस्ल की बकरियों को पालन के लिए ऐसी जगह का चुनाव करें. जहां नमी ना हो और आसपास का वातावरण खुला होना चाहिए.
  • बकरियों को इतनी संख्या में ही रखा जाए जितनी शेड में आ जाएं.
  • बकरियों को रोजाना हरा चारा दें. इसके अलाव पीने को शुद्ध पानी और शुध्द हवा की व्यवस्था होनी चाहिए.
  • बकरी पालन वाले स्थान की साफ सफाई की विशेष व्यवस्था रखनी चाहिए. जिससे बकरियों में किसी तरह का रोग या फंगस ना आने पाए.
  • बकरियों के चेहरे में हरे पत्ते और घास  खिलाना चाहिए जिसमें हरे चारे  के रूप में पेड़ के पत्तों का प्रयोग काफी लाभदायक होता है. इसके अलावा बकरियों को ग्वार का भूसा, मूंगफली का भूसा आदि भी दिया जा सकता है.
  • बकरियों में होने वाले रोग से बचाव के लिए बकरियों का नियमित टीकाकरण जरूर करवाना चाहिए.

बीटल बकरियों से होने वाले फायदे

  •  बीटल बकरियों की प्रजनन क्षमता काफी अच्छी होती है इसलिए इन से अच्छा मुनाफा मिल सकता है.
  •  बकरियों की दूध देने की क्षमता से यह बकरियों की डेयरी उत्पाद के लिए काफी अच्छी होती हैं.
  •  मांस के लिए यह नस्ल सबसे अच्छी नस्लों में से एक मानी जाती है.
  • इसके अलावा बकरी पालन में रूचि रखने वाले लोग इसे एक पालतू जानवर के रूप में पाल सकते हैं.
  • बीटल बकरी आय का एक अच्छा स्रोत है. इसलिए इसका पालन कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

यह भी पढ़े : लाही की खेती कब की जाती है? उत्तर प्रदेश के किसान कैसे करे वैज्ञानिक विधि से लाही (तोरिया) की खेती 

बीटल बकरी का रेट क्या है?

देश में बीटल नस्ल की बकरियों का रेट लगभग ₹9000 से लेकर ₹25000 तक पाया गया है. जिसमें बकरियों की कीमत कम और बकरों की कीमत अधिक होती है.

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here