WHEAT FARMING : गेहूं की खेती में गेहूं के मामा का नियंत्रण कैसे करे ?
नमस्कार किसान भाईयों देश में इस समय रबी फसलें बोई गयी है. जिसमें गेहूं रबी की प्रमुख फसल है. इसकी उपज को खरपतवार काफी प्रभावित करते है. इन खरपतवारों में बथुआ, खरतुआ, चटरी, मटरी, गेहूं का मामा या गुल्ली डंडा आदि प्रमुख खरपतवार हैं.
लेकिन इन खरपतवारों में मुख्य रूप से गेहूं का मामा फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. इस खरपतवार का नाम मूंडसी है. इसका वानस्पतिक नाम ‘पारथ्रीनियम’ है. इसका प्रकोप गेहूं के प्रथम चरण में ही दिखने लगता है.और इसका प्रकोप गेहूं के अंतिम चरण तक रहता है. यह खरपतवार गेहूं में पड़ने वाले सभी खनिज तत्वों को चूस लेता है. जिससे गेहूं की फसल कमजोर हो जाती है. और उपज कम होती है. जिससे किसान भाइयों को घाटा उठाना पड़ता है. तो आइये गाँव किसान के इस लेख से जानते है कि इसकी रोकथाम कैसे करे ?
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गेहूं के मामा की रोकथाम
गेहूं की फसल में गेहूं के मामा की रोकथाम के लिए किसान भाई दो तरीके अपनाकर इस खरपतवार से निजात प् सकते है.
1.गेहूं की फसल की निराई-गुड़ाई कर
किसान भाई गेहूं की फसल में निराई-गुड़ाई कर काफी हद तक इस खरपतवार की रोकथाम कर सकते है. लेकिन यह प्रक्रिया काफी प्रभावी नही है. क्योकि यह खरपतवार बार-बार निकाल आते है. और किसान भाईयों को इस प्रक्रिया में समय भी काफी लगता है.
2. फसल पर रासायनिक पदार्थ का प्रयोग
किसान भाई रासायनिक पदार्थ का प्रयोग कर इस खरपतवार से निजात पा सकते है. इसमें किसान भाई जब गेहूं की फसल में 20 से 25 दिन बाद पहली सिंचाई करे. उसके एक सप्ताह बाद खेत में यूरिया की टॉप ड्रेसिंग करे. उसी समय खरपतवार नाशक दवाओं का भी प्रयोग कर सकते है. मगर इस बात का ध्यान रखे कि सल्फोसल्फूरान के साथ टू-फोर-डी और सल्फोसल्फूरान मिट्टी अथवा राख एक साथ न डाले .
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मामा खरपतवार के लिए सल्फोसल्फूरान 75 जी या आइसोप्रोटयूरान 75 प्रतिशत डब्ल्यू टी का प्रयोग करे. सल्फोसल्फूरान 75 प्रतिशत 13.500 ग्राम दवा 6 लीटर पानी में घोलकर तथा 500 मिलीलीटर साल्वेंट मिलाकर 3 से 4 सौ लीटर पानी में मिलकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिडकाव करना चाहिए.
नोट :- किसान भाई किसी भी रासायनिक दवा का अपनी फसल पर इस्तेमाल करने से पहले कृषि विशेषज्ञ से परामर्श जरुर ले ले.