सितंबर महीने में बागों में होने वाले कार्य
किसान भाई अपने खेतों या बागों में साल के 12 महीने में कृषि कार्य करते हैं. जिनसे उन्होंने अच्छी उपज प्राप्त होती है. लेकिन कुछ कार्य से होते हैं जो महीने के हिसाब से करने होते हैं. उनको करने से किसानों को बागों से अच्छी उपज प्राप्त होती है. जिससे उन्हें अच्छा लाभ प्राप्त होता है.
इसी कड़ी में आज के इस लेख में सितंबर महीने के बागों में किसान भाई कौन-कौन से कार्य कर सकते हैं. जिससे उनके फल वृक्षों का अच्छे से विकास हो सके. और उन्हें अपने फलों के पेड़ों से अच्छी उपज प्राप्त हो सके. जिससे उन्हें अच्छा फायदा मिल सके. तो आइए जानते हैं सितंबर महीने में बागों में होने वाले कार्यों के बारे में पूरी जानकारी-
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फल बागों में सितंबर महीने में होने वाले कृषि कार्य
आम के बागों में कृषि कार्य
सितंबर के इस महीने में आम के पेड़ों की रोपाई का कार्य पूरा कर लेना चाहिए. इसके अलावा शाखा गांठ कीट की रोकथाम के लिए रोगोर का छिड़काव करवाना चाहिए. श्याम वर्ण रोग की रोकथाम के लिए ब्लाइटॉक्स-50 का छिड़काव करवाना चाहिए. पछेती किस्मों की गुठलियों को एकत्रित करके पौधशाला में बोना सर्वोत्तम रहता है.
केले की फसल के कृषि कार्य
केले में सितंबर के महीने में अवांछित पुत्तियों को निकाल देना चाहिए तथा नए बाग लगाने के लिए इस माह तक अवश्य ही रोपाई कर लेनी चाहिए. और तैयार पौधों में पकी हुई घार को तोड़कर बाजार को भेज दें.
नींबू वर्गीय फसलों के कृषि कार्य
नींबू वर्गीय फसलों के पौधों में इस महीने नाइट्रोजन व पोटाश की तीसरी मात्रा का प्रयोग करना चाहिए. फलदार वृक्षों में नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए. इसके अलावा सूक्ष्म तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए माइक्रान जेड का छिड़काव करना चाहिए. केंकर तथा पति छेदक कीट की रोकथाम के लिए ब्लाइटॉक्स-50 तथा रोगोर का छिड़काव करना चाहिए. मीठा नींबू के फलों को तोड़कर आप बाजार भेज सकते हैं.
अमरूद की फसल के लिए कृषि कार्य
अमरूद की बरसाती फसल को तोड़कर बाजार को भेज दे. इसके अलावा अमरुद में तना वेधक कीट की रोकथाम के लिए थायोडान का छिड़काव जरूर करें.इसके अलावा अमरूद के थालों को साफ करवा दें.
पपीता की फसल के लिए कृषि कार्य
पपीता की खेती में सितंबर माह में किए जाने वाले कार्यों में सबसे प्रमुख कार्य पिछले महीने बोए गए पपीता के बीजों से तैयार पौधों को खेत में रोपाई करें. इसके अलावा रोपे गए पौधों की नियमित रूप से देखरेख करते रहे. जिससे पौधे खराब ना होने पाए. इसके अलावा शुरुआत में कोई रोग दिखने पर उसका तुरंत नियंत्रण के लिए उपयुक्त उपाय करें.
बेर की खेती के लिए कृषि कार्य
बेर के बागों में सितंबर महीने में चूर्डिल असिता रोग ज्यादातर दिखाई पड़ता है. इसकी रोकथाम के लिए पौधों पर कैराथेन का छिड़काव करवाना चाहिए. इसके अलावा बागों की साफ-सफाई का उचित ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है. क्योंकि बागों की सफाई का असर उसकी उपज पर पड़ता है.
लीची की फसल के लिए कृषि कार्य
लीची की पौधों में तना वेधक कीट की रोकथाम के लिए रूई को पेट्रोल अथवा क्लोरोफॉर्म में भिगोकर क्षेत्रों में भरकर इन छेंदों को गीली मिट्टी से बंद कर देना चाहिए. जिससे तना वेधक कीट की अंदर ही मर जाए. और पौधे सुरक्षित हो जाएं. इसके अलावा पेड़ों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखें.
कटहल की खेती के लिए
सितंबर के महीने में कटहल के खेत में फलों के बीजों को निकालकर में बुवाई कर देनी चाहिए. जिससे आने वाले समय में नए तैयार कर कटहल के बाग लगाया जा सके.
सेब नाशपाती के कृषि कार्य
सबसे पहले इन दोनों पेड़ों में लगे फलों को तोड़कर बाजार भेजना उचित रहता है. इसके अलावा नर्सरी के बीजू पौधों पर चश्मा चढ़ाना है. रुइया कीट की रोकथाम के लिए मेटासिस्टॉक्स का छिड़काव काफी उपयोगी हो सकता है.
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आडू, खुबानी व आलू बुखारा से संबंधित कृषि कार्य
इनके पौधों के बागों में थालों को साफ रखना चाहिए. तथा पौधों के तनो को चूने से पोत देना चाहिए. आलू तथा आलूबुखारा के बागों में बोरेक्स का छिड़काव करना काफी फायदेमंद रहता है. इसलिए किसान भाई इन बागों में इस का छिड़काव जरूर कराएं.
तो दोस्तों तो यह जानकारी थी सितंबर माह में किए जाने वाले बागों के कृषि कार्य. तो आपको यह लेख कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं. अगर आपको पसंद आया हो तो आपसे लाइक और शेयर जरूर करें. आने वाले समय में आपको सितंबर माह में कौन-कौन सी सब्जियां बोली जाए. इस पर एक पूरा लिख आएगा. नमस्कार धन्यवाद