लाख उत्पादन करने वाले किसानों को निशुल्क ब्याज के ऋण
वर्तमान समय में पूरे देश में लाख के उत्पादन में गिरावट आई है. जिसके कारण कुसमी लाख का बाजार भाव ₹300 से बढ़कर ₹900 प्रति किलोग्राम तक हो गया है. इस बढ़ोतरी के कारण किसानों का रुझान लाख की खेती की तरफ बढ़ा है. इसीलिए सरकार द्वारा लाख की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं.
इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य की सरकार ने राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा बीहन लाख आपूर्ति तथा बीहन लाख विक्रय और लाख फसल ऋण की उपलब्धता के लिए मदद सहित आवश्यक व्यवस्था की जा रही है.बीहन लाख की कमी को दूर करने के लिए राज्य के कृषकों के पास उपलब्ध भी बीहन लाख को उचित मूल्य पर क्रय करने के लिए कई दर का निर्धारण किया जा रहा है.
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लाख उत्पादन क्लस्टर का गठन
इस योजना को राज्य में सफल बनाने के लिए इसका क्रियान्वयन और लाख उत्पादन में वृद्धि करने के लिए 20 जिला यूनियनों में से 03 से 05 प्राथमिक समिति क्षेत्र को जोड़ते हुए लाख उत्पादन क्लस्टर का गठन भी किया जा रहा है. इसके द्वारा क्लस्टर में सर्वेक्षण कर कृषकवार बीहन लाख की मांग की पूरी जानकारी ली जाएगी.इनमें कृषकों को संघ द्वारा निर्धारित मूल्य पर बीहन लाख प्रदाय करने हेतु आवश्यक कुल राशि को अग्रिम रूप से जिला यूनियन खाते में जमा कराना होगा.
किसानो से 30 नवंबर तक मांग
रंगीनी बीहन लाख के लिए कृषकों से मांग प्राप्त करने के लिए समय सीमा 10 नवंबर से पूर्व निर्धारित की गई है. जिसमें कृषकों को राशि जमा किए जाने हेतु 15 नवंबर तक निर्धारित की गई है. वहीं कुसुमी बीहन लाख के लिए मांग 30 नवंबर से पूर्व तथा राशि जमा करने के लिए 15 दिसंबर तक समय सीमा निर्धारित की गई है.
खरीदी भाव को किया गया निर्धारित
राज्य की सरकार द्वारा 300000 की कमी को दूर करने के लिए किसानों को पास उत्पादित भी हर लाख को उचित मूल्य पर खरीदने के लिए खरीदी मूल्य का निर्धारण कर दिया है. इस निर्धारित दर के तहत कुसुमी बीहन लाख (बेर के वृक्ष से प्राप्त) के लिए किसानों से खरीदी मूल्य ₹550 प्रति किलोग्राम तथा रंगीन बीहन लाख (पलाश के वृक्ष से प्राप्त) उसको से खरीदी दर ₹275 प्रति किलोग्राम तय की गई है.
इसी तरह कृषकों को बीहन लाख उपलब्ध कराने हेतु विक्रय दर का भी निर्धारण किया गया है. इसके तहत कुसुमी बीहन लाख (बेर वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय विक्रय दर 640 रुपए प्रति किलोग्राम और रंगीनी बीहन लाख (पलाश वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय विक्रय दर 375 रुपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है.
कृषको को निःशुल्क ऋण का प्रावधान
किसानों को लाख की खेती से प्रोत्साहन करने के लिए सरकार द्वारा जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से लाभ की खेती के लिए लोन निशुल्क ब्याज के साथ प्रदान करने की व्यवस्था की है. इस लोन योजना के तहत लाख करने के लिए पोषक वृक्ष कुसुम पर 5 हजार रूपए, बेर पर 900 रूपए तथा पलाश पर 500 रूपए प्रति वृक्ष ऋण सीमा निर्धारित है.
किसानों के लिए प्रशिक्षण का प्रावधान
किसान भाई लाख का उत्पादन वैज्ञानिक पद्धति से कर सकते हैं. इसके लिए राज्य में राज्य लघु वन रोड संघ द्वारा कानपुर में प्रशिक्षण केंद्र भी खोला गया है. इस केंद्र में किसानों के लिए जीरो तीन दिवसीय संस्थागत प्रशिक्षण के साथ लाख उत्पादन क्लस्टर में ऑन फार्म प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. लाख पालन की अच्छी खेती के लिए कुसुम वृक्ष गर्मी के मौसम में अत्यंत उपयुक्त है. परन्तु वर्षा ऋतु में बेर वृक्ष कुसुमी लाख पालन हेतु उपयुक्त है.
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कुसुम वृक्षों से आच्छादित क्षेत्रों में मीठा बेर रोपण कर वर्ष में 02 फसल लेते हुए अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है. इसके मद्देनजर राज्य में कुसुम समृद्ध क्षेत्रों में कृषकों के मेड़ तथा नीजि भूमि पर वृहद स्तर पर मीठा बेर रोपण हेतु वन विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है. गौरतलब है कि राज्य के विभिन्न जिलों में परंपरागत रूप से लाख की खेती होती है और लगभग 50 हजार कृषकों द्वारा कुसुम एवं बेर वृक्षों पर कुसुमी लाख, पलाश एवं बेर वृक्षों पर रंगीनी लाख पालन किया जाता है. राज्य में वर्तमान में 4 हजार टन लाख का उत्पादन होता है, जिसका अनुमानित मूल्य राशि 100 करोड़ रूपए है। राज्य में लाख उत्पादन को 10 हजार टन तक बढ़ाते हुए 250 करोड़ रूपए की आय कृषकों को देने का लक्ष्य है. इसके लिए लाख पालन करने वाले कृषकों को निःशुल्क ब्याज के साथ लाख फसल ऋण देने का अहम निर्णय लिया गया है.