नवम्बर माह में आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए ये 5 किस्में है जबरदस्त, इनकी खेती से बनेगें मालामाल

0
Five improved varieties for potato cultivation
आलू की खेती के लिए पांच उन्नत किस्में

आलू की खेती के लिए पांच उन्नत किस्में | Five improved varieties for potato cultivation

आलू की खेती देश के सभी राज्यों में की जाती है. क्योकि इसका उपयोग हमारे रसोई में पूरे साल किया जाता है. इसलिए इसे सब्जियों में राजा कहा जाता है. आलू (Potato) से कई प्रकार के व्यंजन भी बनाए जाते है. आलू हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभप्रद होता है. इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व भी पाए जाते है. यह कार्बोहाइड्रेट का भण्डार होता है. इसके अलाव इसमें प्रोटीन, वसा, फाइबर, स्टार्च, शुगर, अमीनों एसिड, कलौरी सहित जरूरी विटामिन और ट्रेस मिनरल भी पाए जाते है.

यह एक सदाबहार सब्जी है. इसलिए बाजार में इसकी मांग हर समय बनी रहती है. इसलिए बाजार में इसकी कीमत भी अच्छी रहती है. इसे देखेते हुए किसान भाई इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा भी कमा सकते है. वैसे तो आलू की बहुत सारी किस्मे है लेकिन गाँव किसान के इस लेख में आलू की कुछ बेहतरीन किस्मों (Five improved varieties for potato cultivation) की जानकारी मिलेगी, किसान भाई जिनकी नवम्बर माह में बुवाई कर अच्छा उत्पादन लेकर अच्छा मुनाफा कमा सकते है.

आलू की उन्नत किस्म कुफरी पुखराज (Kufri Topaz variety)

आलू की यह काफी अच्छी किस्म है. यह एक मध्यम अगेती किस्म है. जिसकी बुवाई से किसानों को काफी लाभ होगा. आलू की इस के कन्द पीले, गोल और अंडाकार होते है. इस किस्म के आलू की आँखे धसी हुई और गूदा हल्का पीले रंग का होता है. इसकी उपज रोपाई के 75 दिन बाद में तैयार हो जाती है. इस किस्म की औसतन उपज 90 प्रति एकड़ तक हो जाती है.

लेकिन अगर इसकी खुदाई रोपाई के 90 से 100 दिन बाद की जाय तो इसकी उपज 140 से लेकर 160 कुंतल प्रति एकड़ तक ली जा सकती है. इस किस्म की खास बात यह है कि यह अंगमारी रोग के प्रति प्रतिरोधक व पछेती अंगमारी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधक है.

यह भी पढ़े : इस औषधीय पौधे की खेती कर किसान बनेगें मालामाल, जानिए खेती करने का तरीका

आलू की उन्नत किस्म कुफरी अशोका (Kufri Ashoka variety)

कुफरी अशोका किस्म आलू बोने वाले किसान के लिए काफी अच्छी और मुनाफेदार किस्म साबित हो सकती है. इस किस्म के कंद आकार में बड़े, अंडाकार व सफेद होते हैं. इस किस्म के आलू की आँखे उथली होती है. इस आलू का गूदा सफ़ेद होता है. इस किस्म रोपाई के 70 से 80 दिन बाद पककर तैयार हो जाती है.

आलू की इस की उपज 250 से 300 कुंतल प्रति हैक्टेयर तक पायी जाती है. आलू की इस किस्म में पछेती झुलसा रोग ज्यादा लगता है. इस किस्म को उत्तरी भारत के मैदानी इलाकों के लिए अगेती फसल के लिए काफी उपयुक्त पाया गया है.

आलू की उन्नत किस्म कुफरी लालिमा (kufri redness variety)

आलू की यह उन्नत किस्म नवम्बर माह में बुवाई के उपयुक्त पाई गयी है. इस किस्म के आलू के कन्द माध्यम आकर के,गोलाकार, लाल, चिकने व छिलकायुक्त पाए जाते है. इसमें पायी जाने वाली आँखे गहरी एवं सफ़ेद होती है. इस आलू की उपज 90 से 100 दिन में पककर खुदाई के लिए तैयार हो जाती है.

आलू की इस किस्म की उपज 250 से लेकर 300 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक हो जाती है. वही यह किस्म अगेती झुलसा रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधक है. साथ ही विषाणु पीवीबाई से भी प्रतिरोधक है.

आलू की उन्नत किस्म कुफरी सदाबहा (Kufri evergreen variety)

आलू की इस को भी किसानों द्वारा बुवाई के लिए काफी पसंद किया जाता है. इस किस्म के कंद सफेद, अंडाकार और दिखने में काफी आकर्षक भी लगते है. इस किस्म के आलू की आखें सतही होती है. इस किस्म में भी इसका गूदा सफ़ेद होता है. आलू की यह किस्म बुवाई के लगभग 80 से 90 दिन में पककर खुदाई के लिए तैयार हो जाती है.

आलू की इस किस्म की उपज 300 से 350 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक पायी गयी है. इसके अलावा आलू की यह किस्म  पिछेती झुलसा रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है. इसकी खास बात यह है कि इसमें कंद बनने की प्रक्रिया जल्दी शुरू हो जाती है. आलू इस किस्म में शुष्क पदार्थ की मात्रा 18-19 प्रतिशत तक पायी जाती है. इस किस्म भंडारण क्षमता काफी अच्छी होती है.

आलू की उन्नत किस्म कुफरी अलंकार (Kufri Alankar variety)

आलू की कुफरी अलंकार किस्म को केंद्रीय आलू अनुसंधान शिमला द्वारा विकसित किया गया है. आलू की यह किस्म बुवाई के लगभग 70 दिन बाद पककर तैयार हो जाती है.

आलू की इस किस्म की उपज लगभग 200 से 250 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक पायी गयी है. इसके अलावा यह किस्म पछेती अंगमारी रोग के लिए कुछ हद तक प्रतिरोधी है.

किसान भाई को आलू की खेती से मुनाफा

यदि किसान भाई वैज्ञानिक विधि और अच्छे रखरखाव से आलू की खेती करे, तो उसे एक हेक्टेयर आलू की खेती से लगभग 300 से 350 कुंताल आलू की उपज प्राप्त हो जायेगी. वाही अगर बाजार भाव की बात की जाय तो सामान्यतः आलू की कामत 20 से 30 रुपये की बीच पायी जाती है. इस हिसाब से यदि किसान भाई 5 हेक्टेयर की आलू की खेती करे और उन्हें औसतन बाजार भाव 20 रुपये ही मान लिया जाय तो इसकी एक फसल से लगभग 6 से 7 लाख का मुनाफा ले सकते है.

यह भी पढ़े : बैगन की खेती से किसान भाई कमा सकते है सालाना 10 लाख रुपये, आइये जानते है इसका पूरा गणित

आलू बुवाई से पहले इस बात का रखे ध्यान 

किसान भाई आलू की खेती करने से पहले इस बात का ध्यान जरुर रखे, कि वह अपने क्षेत्र के अनुसारह ही आलू की किस्म की बुवाई करें. इसके लिए किसान अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क करके आलू की बुवाई के लिए अनुसंशित किस्म के बारे में पता कर सकते हैं.

सरकार भी आलू के किसानों का करती है प्रोत्साहन 

जो भी किसान अधिक आलू उगाते है उनकी सहायता के लिए सरकार द्वारा आलू भंडारण के लिए स्टोरेज बनाने के लिए अनुदान दिया जाता है. जिससे किसान भाई अपने आलू को  लंबे समय तक सुरक्षित रख सके. सरकार की ओर से आलू-प्याज स्टोरेज के लिए 50 प्रतिशत तक के अनुदान का प्राविधान है.

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here