ड्रिप, फार्म पौण्ड एवं सोलर पम्प पर किसानों को मिलेगा अनुदान
देश के किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हो सके इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा कई योजनायें चलाई जा रही है. इन विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों को आधुनिक कृषि करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकारों द्वारा अनुदान दिया जाता है. इसके अलावा योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा किसान पा सके इसके लिए सरकारे प्रयासरत रहती है. इसी कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 20 जुलाई को कृषि बजट में की घोषणायें कर अधिकारियों को क्रियान्वयन के लिए निर्देश दिए.
राजस्थान के मुख्यमंत्री मंगलवार शाम को अपने मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान कृषि बजट पर समीक्षा बैठक का आयोजन किया था. जिसमें उन्होंने लघु और सीमांत किसानों को कृषि संबंधित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिल सकें राज्य में ऐसे कृषि प्रावधान किए जाने पर जोर दिये जाने के बारे कहा. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश की योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार के साथ प्रक्रियात्मक पारदर्शिता में वृद्धि लाने का भी निर्देश दिया.
ड्रिप इरिगेशन से लाभांवित होंगे 4 लाख किसान
राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री गहलोथ ने कहा सरकार द्वारा बजट में ड्रिप इरिगेशन के लिए 1,705 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. जिससे 4 लाख किसानों को लाभ होगा.2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप इरिगेशन के लिए राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के अंतर्गत 1.60 लाख कृषकों को सिंचाई संयंत्र उपलब्ध कराने के लिए स्वीकृति जारी कर दी गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि ड्रिप इरिगेशन से फसलों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है. राजस्थान जैसे मरूस्थलीय राज्य में ड्रिप इरिगेशन ही सिंचाई हेतु एक दीर्घकालिक समाधान है.
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इन योजनाओं पर भी दिया जायेगा अनुदान
श्री गहलोथ द्वारा यह भी बताया गया कि इस साल बजट में घोषित 825 करोड़ रूपये के अनुदान के तहत अब तक 9,738 फार्मपौण्ड व 1,892 डिग्गियों के निर्माण हेतु स्वीकृति जारी की जा चुकी है. इसके अलावा 22,807 किसानों को सोलर पंप की स्थापना के लिए आदेश जारी किया जा चुका है. इन सोलर पम्पस पर राज्य सरकार द्वारा 61.58 करोड़ का अनुदान दिया जायेगा. राज्य सरकार द्वारा सिंचाई में पानी की बचत वाली योजनाओं पर लगभग 75 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है.
ग्राम सेवा सहकारी समितियों तथा कृषक उत्पादक संगठनों को उपलब्ध होगे ड्रोन
मुख्यमंत्री द्वारा इस बैठक में बताया गया कि 1000 ड्रोन ग्राम सेवा सहकारी समितियों तथा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को उपलब्ध करवाए जाने का कार्य किया जा रहा है. जिनकी लागत लगभग 40 करोड़ करोड़ है. इन ड्रोन से किसान भाई अपनी फसलों पर प्रभावी एवं सुरक्षित तरीके से कम समय में कीटनाशकों का छिड़काव कर पायेगें. जिससे फसलो की रक्षा के साथ-साथ कम लागत भी आएगी. जिससे किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हो सकेगी.
इन तकनीकों के उपयोग के लिए किसानों को मिलेगा अनुदान
इसके साथ ही इस बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा बताया गया कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए राजस्थान संरक्षित खेती मिशन के तहत ग्रीन हाउस, शेडनेट, लॉटनल, प्लास्टिक मल्चिंग आदि तकनीकों के उपयोग के लिए किसानों को अनुदान दिया जा रहा है. इस योजना से 12,500 किसान पहले ही लाभान्वित चुके है. इसके अलावा किसानो को प्याज भंडारण केन्द्रों पर प्याज, लहसुन आदि फसलों के लिए निःशुल्क भंडारण सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. जिससे उन्हें अपनी उपज कम मूल्य पर न बेचनी पड़ जाए.
इसके अलावा उन्होंने कहा 125 करोड़ रूपये का अनुदान फसल सुरक्षा योजना के अंतर्गत तारबंदी के लिए किसानों को दिया जा रहा है. योजना से लाभांवितों में आवश्यक रूप से 30 प्रतिशत लघु व सीमांत किसान होने का प्रावधान किया गया है. जिससे सभी योजनाओं में लघु व सीमांत किसानों का अतिरिक्त अनुदान दिया जा रहा है.
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फलों व मसालों की खेती को प्रोत्साहन
साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया फलों व मसालों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन के तहत 15000 हेक्टेयर क्षेत्र में फलों की खेती व 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में मसालों की खेती का लक्ष्य निर्धारण कर कार्य किया जा रहा है. जिसमें फलों का बाग़ लगाने के लिए अनुदान की सीमा 50 से बढाकर 75 प्रतिशत तक कर दी गयी है. इस योजना के लिए आवेदन प्राप्त कर स्वीकृति प्रदान करने का कार्य जारी है. इसके अलावा खजूर की खेती के लिए सरकार द्वारा खजूर बगीचा स्थापित करने तथा टिश्यू कल्चर पौध आपूर्ति हेतु अनुदान देकर प्रोत्साहित कर रही है.