उत्तर प्रदेश किसानों को मिलेंगे ₹12000 प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि, जानिए क्यों ?

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UTTAR PRADESH FARMER
किसानों को मिलेंगे ₹12000 प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि

किसानों को मिलेंगे ₹12000 प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि

देश में बिगड़ते मानसून और गिरते भूजल स्तर के कारण खेती में हुए नुकसान को पूरा करने के लिए सरकार तरह-तरह की नई योजनाएं किसानों के लिए ला रही है. जिससे किसानों की आमदनी बढ़ाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत देते हुए प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है.

सरकार द्वारा दलहनी तिलहनी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नई कार्य योजना तैयार की जा रही है. जिसके तहत राज्य सरकार खेत की मेड पर दलहनी तिलहनी फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि देकर प्रोत्साहित करेगी. राज्य कृषि विकास योजना के तहत इस योजना का प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है.

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किसानों को ₹12000 प्रति हेक्टेयर की दर से प्रोत्साहन राशि

राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार इस नई कार्य योजना से सबसे ज्यादा बुंदेलखंड के क्षेत्र के किसानों को फायदा पहुंचेगा. क्योंकि इस क्षेत्र में दलहनी-तिलहनी फसलों की खेती सबसे ज्यादा की जाती है. इस कार्य योजना के अनुसार खेत की मेड पर दलहनी तिलहनी फसलों की खेती करने वाले किसानों को ₹12000 प्रति हेक्टेयर की दर से प्रोत्साहन राशि मुहैया कराई जाएगी. इसमें तिल मूंगफली राई सरसों के अलावा अरहर मूंग उड़द आदि फसलों को भी शामिल किया गया है.

राज्य में  2021-22 की खरीफ के मौसम में 8.42 लाख हेक्टेयर में दलहन और 4.20 लाख हेक्टेयर में तिलहन की फसलें किसानों द्वारा उगाई गई थी. इस बार खरीफ के मौसम में राज्य में 588000 में तिलहन फसल बुवाई का लक्ष्य रखा गया है. राज्य की इस नई कार्य योजना से तिलहनी फसलों का रकबा और भी बढ़ाया जाएगा.

दलहन और तिलहन की खेती को बढ़ावा 

राज्य में मानसून काफी देर से आने के कारण इस साल धान की पैदावार काफी कम होने के आसार हैं. इस बार प्रदेश में 59 लाख हेक्टेयर धान की रोपाई करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन बाद में मोटे अनाज एवं दलहन तिलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए इसके रकबे को कम कर दिया गया. प्रदेश में अब लगभग 5700000 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई करवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन इस बार मानसून की देर होने की वजह से धान की रोपाई काफी पिछड़ गई है. अब जो धान की पौध की रोपाई की जा रही है उससे वांछित उत्पादन नहीं होगा.

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धान की पैदावार होगी कम

खरीफ के पिछले सत्र 2021-22 में प्रदेश में लगभग पांच 9.69 लाख हेक्टेयर भूमि में धान की रोपाई की गई थी, और इससे लगभग 159.67 लाख मैट्रिक टन धान की उपज हुई थी. लेकिन इस बार 59 लाख  हेक्टेयर रकबे में 177 लाख टन धान की उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था. मगर राज्य में बदले हुए हालात को देखते हुए कम कम उपज होने के आसार बने हैं. हालाँकि कृषि विभाग की तरफ से कहा जा रहा है कि रकबा और मानसून के लेट होने के बावजूद धान की उपज को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.

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