Home खेती-बाड़ी मक्का की इन किस्मों की बुवाई कर किसान बनेंगे मालामाल

मक्का की इन किस्मों की बुवाई कर किसान बनेंगे मालामाल

0
मक्का की प्रमुख उन्नत किस्में  

मक्का की प्रमुख उन्नत किस्में 

किसान भाई अपनी फसल से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए सभी कृषि कार्य सुचारू रूप से करते है. वह अपनी फसल को खाद,पानी व उर्वरक देते है. फिर भी उन्हें उपज में हानि उठानी पड़ती है. क्योकि वह अपनी फसल की बुवाई के लिए अच्छी किस्मों के बीजों का चयन नही करते है.

भारत में मक्का की बुवाई बड़े पैमाने पर की जाती है. लेकिन देश के अधिकतर किसानों को मक्का की अच्छी जानकारी न होने कारन काफी हानि उठानी पड़ती है. इसलिए गाँव किसान आज अपने इस लेख के जरिये मक्का की प्रमुख किस्मों की जानकारी देगा. तो आइये जानते है मक्का की प्रमुख किस्मों के बारे में –

यह भी पढ़े : दूध गंगा परियोजना के तहत डेयरी फार्मिंग के लिए किसान भाई पा सकेंगे 30 लाख रूपए तक

मक्का की प्रमुख उन्नत किस्में 

मक्का की प्रमुख किस्में निम्नवत है –

  • “ऑल इंडिया कोऑर्डिनेट मेज इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट” के अंतर्गत गंगा-1, गंगा-108, रणजीत, दक्कन किस्में वर्ष 1961 में निकाली गई है.
  • मक्का की तीन सफेद शंकर किस्में गंगा सफेद -2, गंगा, हाई स्टार्च | वर्ष 1963 में तथा गंगा-4 को वर्ष 1971 में निकाला गया.
  • मक्का की पांच पीली संकर किस्में वी एल – 54 वर्ष 1962 में, गंगा-3,  हिम – 123 वर्ष 1964 में, गंगा – 5 वर्ष 1968 में तथा दक्कन – 101 वर्ष 1975 में निकाली गई.
  • मक्का की प्रमुख संकुल किस्में अंबर, विक्रम, किसान, जवाहर, सोना, विजय आदि हैं
  • अन्य संकुल किस्में जैसे – अगेती – 76, प्रताप, लक्ष्मी, तरुण, नवीन, कंचन, श्वेता, आदि हैं
  • मक्का की रोग प्रतिरोधक इसमें प्रमुख हैं जिन्हें वो कर किसान भाई अच्छी कमाई कर सकते हैं

मक्का की रोगरोधी किस्में  

  • मक्का की गंगा-2, तरुण, जवाहर, किसान, इत्यादि ब्राउन स्ट्राइप डाउनी मिल्ड्यू रोग रोधी किसमें है
  • ढक्कन, जवाहर, किसान, गेरुई रोग रोधी किस्में है
  • ढक्कन, रणजीत, किसान व जवाहर मोजेक रोग रोधी किस्में है

यह भी पढ़े : इन तीन विशेष प्रकार के मक्का की खेती कर किसान भाई बनेगें मालामाल

मक्का की उन्नत किस्मों की खास बाते 

  • शक्ति प्रोटीना व रतन मक्का की ओपेक – 2 संकुल किस्में हैं, जिसमें 100% लाइसीन या ट्रिप्टोफेन पाया जाता है.
  • मक्का में ओपेक – 2 और फ्लोरी – 2 जीन पाए जाते हैं
  • ओपेक – 2  संकुल किस्मों में पाया जाता है
  • ई एम ईस्ट ने सबसे पहले संकर मक्का के बारे में विचार किया और जी एच शल ने वर्ष 1910 में एकल संकरण संकर मक्का का उत्पादन किया.
  • इस तकनीक का अधिक प्रयोग यू एस ए तथा चीन में होता है
  • डबल क्रॉस तकनीक द्वारा मक्का का संकर बीज उत्पादन डी एफ जोंस ने वर्ष 1920 में शुरू किया गया यह विधि भारत में अधिक प्रयोग में लाई जाती है
  • मक्का गर्म मौसम की फसल है जिसे अच्छे अंकुरण के लिए लगभग 21 सेंटीग्रेड तापमान और वृद्धि के लिए 35.5  डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है.
  • मक्का की अच्छी फसल की वृद्धि के लिए पी एच मान 5.5 से 7.5 तक के बीच होना चाहिए
  • मक्का की प्रमुख संकर किस्में दक्कन, सफेद गंगा – 2,  गंगा – 4, गंगा – 5, गंगा – 7, हाई स्टार्च , वी एल – 54, हिमालयन – 123, संगम आदि है

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version