ASHWAGANDHA KI KHETI : अश्वगंधा की खेती में पत्ती से लेकर जड़ तक बेचकर किसान भाई बनेगें मालामाल

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ASHWAGANDHA KI KHETI
अश्वगंधा की खेती किसानों को बनाएगी मालामाल

ASHVAGANDHA CULTIVATION | अश्वगंधा की खेती किसानों को बनाएगी मालामाल

देश के किसान परंपरागत खेती में लगातार हो रहे नुकसान के कारण अब औषधिय खेती की तरफ रुक कर रहे हैं. देश की सरकार व राज्य सरकारे भी औषधीय खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहन दे रही है.  यह फसलें काफी कम समय में तैयार हो जाती हैं, और लागत भी बहुत कम आती है. किसान के लिए यह फसलें नगदी फसलों के रूप में होती हैं. जिससे अच्छी खासी कमाई हो जाती है.

इसी कड़ी में किसान भाई अश्वगंधा की खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. सितंबर का महीना इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. अश्वगंधा के पत्ते से लेकर जड़ तक सभी का उपयोग औषधि बनाने में किया जाता है. जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होती है. इसीलिए बाजार में इसकी कीमत काफी अच्छी रहती है.

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बहुत फायदेमंद है अश्वगंधा की खेती

कृषि विशेषज्ञों की माने तो औषधि खेती परंपरागत खेती की तुलना में अधिक मुनाफा देती है. इसीलिए अश्वगंधा की खेती कर किसान भाई परंपरागत फसलों से लगभग 50% अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. पिछले कुछ सालों में देश के उत्तरी भाग में अश्वगंधा की खेती बहुत बड़े स्तर पर की जा रही है. जिससे किसान काफी अच्छा लाभ कमा रहे हैं.

खेती के लिए बीज बुवाई

किसान भाई अश्वगंधा की खेती के लिए खेत को अच्छी प्रकार तैयार कर ले.  इसके उपरांत किसान भाई 10 से 12 किलो अश्वगंधा का बीज एक हेक्टेयर खेत की बुवाई के लिए पर्याप्त होता है बुराई करते समय पौधे से पौधे की दूरी 5 सेंटीमीटर एवं पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20 सेंटीमीटर रखी जाती है. इसके अलावा आवश्यकता अनुसार फसल की सिंचाई करते रहे.

अश्वगंधा की कटाई

अश्वगंधा की फसल बुवाई के 160 से 180 दिन बाद  तैयार हो जाती है. इसके बाद किसान भाई इसकी कटाई कर सकते हैं. और इसकी जड़ों, पत्तियों और छाल को अलग अलग कर बाजार में बेच सकते हैं. औषधि निर्माण में प्रयोग होने के कारण बाजार में इसकी कीमत काफी अच्छी रहती है. 

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अश्वगंधा से औषधियों का निर्माण

अश्वगंधा एक औषधि पौधा है. इसका उपयोग आयुर्वेद और यूनानी दवा बनाने में किया जाता है. भारतीय चिकित्सा पद्धति में इसे एक महत्वपूर्ण पौधे का दर्जा प्राप्त है. क्योंकि इसके फल, फूल, पत्ती एवं जड़ सभी का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है.

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