Pro Tray Nursery | प्रो ट्रे नर्सरी तकनीक से किसान भाई उगाये सब्जियां
किसानों की फसलों की उपज अच्छी हो इसके लिए देश में लगातार नई-नई तकनीके खोजी जा रही है. जिससे यह फसलों से अच्छा मुनाफा कमा सके. हाइड्रोपोनिक और वर्टिकल फार्मिंग जैसी खेती की कुछ ऐसी ही तकनीके है जिनसे हमारे देश के किसान अच्छा लाभ कमा रहे है. इन्ही तकनीकों की तरह एक तकनीक प्रो ट्रे नर्सरी तकनीक भी है. जिससे किसान भाई कम खर्च और कम स्थान में अधिक उपज लेकर बढ़िया मुनाफा कमा सकते है.
प्रो ट्रे नर्सरी कैसे करे तैयार
इस तकनीक में किसान भाइयों को प्रो ट्रे नर्सरी तैयार करने के लिए प्रो-ट्रे, कम्पोस्ट, कॉकपीट नारियल की खाद की आवश्यकता पड़ती है. इस साथ ही इसे तैयार करने के लिए कॉकपीट ब्लॉक की आवश्यकता होती है. यह नारियल के बुरादे द्वारा तैयार की जाती है. इस कॉकपीट ब्लॉक को 5 घंटे तक पानी में भिगो कर रखना चाहिए. उसके उपरांत कॉकपीट ब्लॉक को भली प्रकार साफ़ कर, गन्दगी बाहर निकाल देनी चाहिए. जिससे पौधों को नुकसान न पहुँच सके. इसके बाद इसे अच्छी तरह सुखा लेना चाहिए. इस सुखाये गए कॉकपीट ब्लॉक को एक बर्तन में लेकर इसमें 50% वर्मी कम्पोट और 50% कॉकपीट को अच्छी तरह मिला लेना चाहिए. किसान भाई इस बात का ध्यान रखे कि बढ़िया क्वॉलिटी के वर्मी कम्पोट प्रयोग करना चाहिए. इन सभी को अच्छी प्रकार आपस में मिलाकर मिश्रण तैयार कर लेना चाहिए.
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ऐसे करे बीजों की बुवाई
इसके बाद तैयार मिश्रण को आप अपने अनुसार भर सकते है. इसके बाद भरी हुई ट्रे में होल बनाए होल ज्यादा गहरा नही होना चाहिए. इसके बाद इस बनाये गए होल बीजों को लगाए. इसके उपरांत इसे अधेरे कमरे में रख देना चाहिए. किसान भाई बात का ध्यान रखे बीज की बुवाई के सिंचाई नही करनी चाहिए. जब बीज अंकुरित होकर पौधे निकल आये तो बाहर रख देना चाहिए. बाहर निकलने के बाद इन पौधो की सिंचाई करनी चाहिए. इसके अलावा इन पौधों में नमी बनाये रखे सूखने न दे. इस प्रकार 10 से 15 दिन में नर्सरी तैयार हो जाएगी.
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किन-किन फसलों की हो सकती है खेती
इस प्रो ट्रे नर्सरी तकनीक की सहायता से की प्रकार की देशी-विदेशी पौधों को उगाया जा सकता है. इस तकनीक की सहयता से किसी भी मौसम किसी भी प्रकार की सब्जियां और फल की खेती की जा सकती है. किसान भाई इस तकनीक से मिर्च, टमाटर, बैंगन,फूलगोभी,पत्तागोभी, खीरा ककड़ी, शिमला मिर्च, आलू, धनिया, पालक, गाजर मूली, लौकी के साथ-साथ कई तरह के फल भी उगाया जा सकता है.